सावधानियां-जो उपवास में भी डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर पेशेंट को रखेंगी स्वस्थ्य
राज एक्सप्रेस। नवरात्रि का त्योहार व्रत और साधना के लिए होता है। माता दुर्गा को समर्पित यह त्योहार संपूर्ण भारत में अत्यधिक उत्साह के साथ मनाया जाता है। संस्कृत भाषा के शब्द में नवरात्र का अर्थ होता है- नौ रातें। इन 9 रातों के दौरान देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इसलिए नवरात्र में बड़ी संख्या में लोग उपवास रखते हैं। अधिकांश धर्म उपवास को शुद्धिकरण या तपस्या का जरिया मानते हैं। इसलिए इसे बहुत महत्व देते हैं। धार्मिक एवं आध्यात्मिक संदर्भ में भोजन शरीर को पोषण प्रदान करता है और उपवास आत्मा को पोषण प्रदान करता है।
उपवास का प्रभाव-
भारतीय धर्म-संस्कृति में यह मान्यता है कि, धार्मिक साधना के साथ उपवास हमारे शारीरिक और मानसिक संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। उपवास रखने का निर्णय व्यक्तिगत है, लेकिन डायबिटीज (मधुमेह) से ग्रस्त व्यक्तियों को उपवास का निर्णय धार्मिक दिशा-निर्देशों में दी गई छूट को ध्यान में रखकर और उपवास से जुड़ी स्वास्थ्य से संबंधित जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए ही लेना चाहिए, क्योंकि ऐसे लोगों में उपवास के दौरान कई जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। जैसे- ब्लड शुगर का कम होना, ब्लड शुगर में वृद्धि।
ब्लड शुगर का कम होना-
जब डायबिटीज से ग्रस्त व्यक्त नवरात्र में उपवास करते हैं, तो उन्हें आम दिनों की तुलना में कई घंटों तक खाली पेट रहना पड़ता है। इस वजह से उनके खून में ग्लूकोज की मात्र कम हो सकती है, जिसे हाइपोग्लाइसीमिया कहते हैं। यह स्थिति खतरनाक साबित हो सकती है। ब्लड शुगर कम होने के लक्षण आसानी से पहचाने जा सकते हैं। आमतौर पर 70 या इससे कम ब्लड शुगर आने पर कुछ लक्षण महसूस होने लगते हैं। जैसे- अचानक पसीना आना, शरीर में कमजोरी या कंपन होना, दिल की धड़कनें तेज होना आदि।
ब्लड शुगर में वृद्धि-
नवरात्र के उपवास के दौरान कुछ लोगों में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है, जिसे मेडिकल भाषा में हाइपरग्लाइसीमिया (High blood sugar) कहते हैं। हाइपरग्लाइसीमिया का मुख्य कारण कार्बोहाइड्रेट और वसायुक्त खाद्य पदार्थो जैसे तली हुई पकौड़ियों का सेवन, आलू और साबूदाना आदि का सेवन अधिक मात्रा में करना या फिर दवाओं को सही मात्रा या समय पर न लेना है। इसलिए इस दौरान नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच करना और उसे नियंत्रण में रखने का यथासंभव प्रयास करना अनिवार्य है।
डायबिटीज से ग्रस्त ऐसे लोग जो केवल संतुलित आहार और व्यायाम से ब्लड शुगर को नियंत्रित रखते हैं या ऐसे व्यक्त जिन्हें डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए दवाओं की आवश्यकता पड़ती है। ये लोग नवरात्र के उपवास तभी रखें, जब उनकी ब्लड शुगर नियंत्रण में हो। ऐसे करें नियंत्रित हाइपोग्लाइसीमिया की स्थिति में शहद, चीनी, ग्लूकोज लेकर ब्लड शुगर में आई कमी को दूर किया जा सकता है। हाइपोग्लाइसीमिया की स्थिति से बचने के लिए नियमित रूप से अपनी ब्लड शुगर के स्तर को नापते रहना अनिवार्य है।
ऐसे कंट्रोल कर सकते हैं हाई ब्लड प्रेशर
अपनी हाइट के हिसाब से अपना सही वजन बनाए रखें।
रोजाना फिजिकल ऐक्टिविटी करें।
फल और सब्जियां खाएं।
सोडियम का सेवन प्रति दिन 5 ग्राम से कम करें और फलों व सब्जियों से पोटेशियम प्राप्त करें।
स्ट्रेस को कम करने के लिए योग का सहारा लें।
अपने ब्लड प्रेशर को नियमित रूप से मॉनिटर करें और इसे कंट्रोल में रखने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
उपवास के दौरान ऐसे रखें सावधानी
नवरात्र के उपवास के दौरान जो डायबिटीज के साथ जिंदगी जी रहे वे लोग कुछ सजगताएं बरतकर अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख सकते हैं।
डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त व्यक्तियों को नवरात्र के उपवास से पूर्व अपने डॉक्टर की सलाह लेना अनिवार्य है, जिससे डॉक्टर आपकी दवाओं की खुराक में परिवर्तन कर सके।
उपवास के दौरान फाइबर युक्त, धीरे-धीरे अवशोषित होने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें। जैसे सूखे मेवे, बादाम, अखरोट, पिस्ता, छाछ, मखाना, खीरे, और फल आदि।
ऐसे व्यक्त जो डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए मेटफोर्मिन की दवाएं लेते हैं, वे नवरात्र के उपवास रख सकते हैं क्योकि इन दवाओं से हाइपोग्लाइसीमिया होने का खतरा कम होता है।
उपवास तोड़ने के बाद आवश्यकता से अधिक न खाएं। कुछ लोग उपवास तोड़ते समय बहुत अधिक कैलोरी युक्त आहार लेते हैं, परंतु डायबिटीज से ग्रस्त व्यक्तियों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए।
नवरात्र में उपवास के दौरान बाजार में मिलने वाले खाद्य पदार्थ जैसे नमकीन और चिप्स आदि का सेवन न करें। ये खाद्य पदार्थ न सिर्फ ब्लड शुगर को अनियंत्रित करते हैं बल्कि कोलेस्ट्रॉल एवं ब्लड प्रेशर को भी बढ़ाने में सहायक हैं।
नवरात्र के उपवास के दौरान शुगर बढ़ने के अलावा डीहाइड्रेशन होने का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में नारियल पानी, नींबू पानी, छाछ, दूध जैसे तरल पेय पदार्थ का सही मात्रा में सेवन करना अनिवार्य है।
आप नवरात्र के उपवास के दौरान नमक छोड़ना चाहते हैं, तो पहले डॉक्टर से सलाह करें क्योंकि ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने वाली कुछ दवाएं शरीर से सोडियम बाहर निकालती हैं।
उपवास के दौरान दिन में तीन से चार बार ब्लड शुगर की जांच जरूर करें। ग्लूकोमीटर के जरिए उपवास के दौरान नियमित रूप से घर पर ही शुगर की जांच की जा सकती है।
अगर ब्लड शुगर में बहुत वृद्धि हो रही हो या वह बहुत घट रही हो, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और डॉक्टर द्वारा दी गई स्वास्थ्य संबंधी सलाह का अनुसरण करें।
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