केरल, भारत। आज पूरी पहले ही भारत में कोरोना से कोहराम मचा हुआ है। हालांकि, पहले की तुलना में मामलों में कमी दर्ज की गई है। आज सभी देश कोरोना की इस जंग में वैक्सीन पर ही निर्भर हैं। ऐसे में देश में अब एक-एक करके नई बीमारियां जन्म लेती ही जा रही हैं। पिछले दिनों कई तरह के फंगस और डेल्टा, डेल्टा प्लस एवं कप्पा वैरिएंट ने देश में जम कर तबाही मचाई है। इसी बीच अब भारत के केरल से जीका वायरस (Zika Virus) के मिलने से फिर खलबली सी मच गई है।
केरल से मिला जीका वायरस का संक्रमण :
केरल में पहले ही कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इस बीच खबर है कि केरल में जीका वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। यानी अब केरल में कोरोना के साथ ही एक नया जीका वायरस नाम का खतरा मंडराता नजर आने लगा है। क्योंकि, केरल में गुरुवार को जीका वायरस के संक्रमण का एक मामला सामने आया था और मात्र एक दिन बाद ही शुक्रवार को इन मामलों में तेजी से बढ़त दर्ज की गई और मामलों की कुल संख्या 14 हो गई। केरल में इन मामलों की पुष्टि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे ने की है।
जीका वायरस के लक्षण :
बता दें, केरल में जीका वायरस की स्थिति गंभीर न हो उसके लिए और राज्य सरकार की मदद के लिए विशेषज्ञों का छह सदस्यीय केंद्रीय दल दक्षिणी राज्य के लिए रवाना हो गए हैं। राज्य सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, संस्थान में जांच के लिए 19 सैंपल्स भेजे गए थे, जिनमें से सुकरवकर को और 13 में जीका वायरस की पुष्टि हुई है। यह भी मच्छर के काटने से फैलता है और इसके लक्षण डेंगू की तरह है।
पहला और सबसे अहम लक्षण बुखार आना
चकत्ते (रैशेज) पड़ना
नाक बहना
सिर दर्द
कन्जंक्टिवाइटिस
जोड़ों में दर्द होना (जॉइंट्स पेन)
बताते चलें, यह सेक्शुअल संबंध बनाने से एक दूसरे में फैल सकता है। साथ ही यदि किसी गर्भवती महिला इस वायरस से ग्रसित है तो उसका खतरा उसके बच्चे को भी होगा।
स्वास्थ्य मंत्री और मंत्रालय में संयुक्त सचिव ने बताया :
केरल के स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बताया कि, 'जीका संक्रमण की रोकथाम के लिए कार्रवाई योजना तैयार की गई है।' वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा है कि, 'केरल से जीका के कुछ मामले आए हैं। हालात पर नजर रखने और राज्य सरकार को सहयोग देने के लिए छह सदस्यीय दल को वहां पहुंचने के और जीका के प्रबंधन में राज्य सरकार को सहयोग देने के लिए निर्देश दिए गए हैं। इनमें सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, मच्छर जनित रोगों के विशेषज्ञ और एम्स के विशेषज्ञ आदि शामिल हैं।'
गौरतलब है कि, जीका वायरस का पहला मामला अफ्रीका में साल 1947 में सामने आया था। इसके बाद साल 2015 में ब्राजिल में जीका वायरस ने जमकर तबाही मचाई थी। वहीं अब यह बीमारी भारत तक पहुंच गई है।
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