क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय मतदाता दिवस? क्या है इसका उद्देश्य और इतिहास?
राज एक्सप्रेस। हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोगों को मतदान के बारे में बताया जाता है, और साथ ही अपने मतदान का सही उपयोग करने के बारे में प्रोत्साहित भी किया जाता है। मतदान देश की जनता के सबसे अहम अधिकारों में से एक है। लेकिन कई लोग आज भी इसका सही उपयोग नहीं कर पाते हैं। लोगों के बीच मतदान से जुड़ी हर जानकारी पहुँचाने और लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करने के लिहाज से हर साल इस दिन को मनाया जाता है। तो चलिए इस खास दिन पर जानते हैं राष्ट्रीय मतदाता दिवस से जुड़ी हुई कुछ खास बातें।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस का इतिहास :
राष्ट्रीय मतदाता दिवस को साल 1950 में भारत के चुनाव आयोग के गठन के रूप में चिन्हित किया गया है। जबकि इसकी शुरुआत भारत की पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल के द्वारा साल 2011 में की गई थी। इस दिन के माध्यम से देश के लोगों में चुनाव आयोग के इतिहास, योगदान और मतदान के महत्व को पहुँचाना है।
कैसे मनाया जाता है राष्ट्रीय मतदाता दिवस?
इस दिन भारत सरकार और अन्य गैर सरकारी संगठनों के द्वारा अलग-अलग जगहों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। मतदाताओं को उनके अधिकारों के बारे में बताने के साथ ही उन्हें मतदान करने के लिए जागरुक किया जाता है। इस दिन का उद्देश्य मतदान के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना और मतदान की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को आसान बनाना है।
इस साल की थीम :
हर साल इस दिन को मनाने के लिए एक खास थीम का निर्धारण किया जाता है। इस साल की बात करें तो राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2023 के लिए “वोटिंग बेमिसाल है, मैं अवश्य वोट देता हूं” थीम रखी गई है।
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