क्या है ग्रीनफील्ड योजना? हाईवे पर न होगा टोल और न जरूरत होगी फास्टैग की
राज एक्सप्रेस। हाईवे पर चलने के लिए हमें कैश या फास्टैग के जरिए सरकार को टोल टैक्स देना पड़ता है। जिसके लिए हमें टोल बूथ पर रुकना पड़ता है और कई बार तो लंबी कतार या टेक्निकल प्रॉब्लम के चलते यह समय सीमा और भी बढ़ जाती है। लेकिन अब केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ऐसा कंसेप्ट 'ग्रीनफील्ड योजना' लाने जा रहा है, जिसके अंतर्गत आपको ना तो फास्टैग की जरूरत होगी और ना ही टोल के लिए किसी लाइन में इंतजार करना होगा।
क्या है ग्रीनफील्ड योजना?
ग्रीनफील्ड योजना, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की वह योजना है, जिसके अंतर्गत आप हाईवे पर जितने किलोमीटर का सफ़र तय करेंगे आपको केवल उतना ही टैक्स देना होगा। इसके लिए हाईटेक हाईवे कंसेप्ट शुरू किया जा रहा ह, जहां ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर सिस्टम की शुरुआत की जाएगी। जिसकी शुरुआत राजस्थान के ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे से होने वाली है।
ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर सिस्टम क्या है?
ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर सिस्टम को ANPR कहा जाता है। इस सिस्टम के तहत हर पॉइंट पर नंबर प्लेट रीडर और हाईटेक कैमरा लगाए जाएंगे। जैसे ही आपकी गाड़ी एंट्री पॉइंट पर पहुंचेगी तो गाड़ी के नंबर ट्रेस हो जाएंगे और इसकी डिटेल्स सेंट्रल कमांड सेंटर को दी जाएगी। इसके बाद आपकी गाड़ी जिस पॉइंट से एग्जिट होती है वहां भी गाड़ी का नंबर ट्रेस होगा और इसके आधार पर ही आपकी गाड़ी से टैक्स वसूला जाएगा।
कितना लगेगा चार्ज?
फिलहाल टोल टैक्स के रूप में गाड़ी मालिक से 1.10 पैसे से 1.70 पैसे प्रति किलोमीटर तक चार्ज लिया जाता है। लेकिन नए सिस्टम के तहत अभी राशि तय नहीं की गई है। जानकारों का कहना है कि यह चार्ज बेस प्राइस ही हो सकता है।
कैसे देना होगा चार्ज?
ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर सिस्टम के अंतर्गत आपकी गाड़ी की नंबर प्लेट को स्कैन किया जाएगा और इसके बाद आपके फास्टैग से ही पैसा कट जाएगा। पहले आप टोल बूथ पर रूककर पैस कैश या फास्टैग से कटवाते थे, लेकिन अब यह किलोमीटर के हिसाब से कट जाएगा।
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