हाइलाइट्स :
संदेशखाली हिंसा पर पश्चिम बंगाल में राजनीतिक बयान बाजी जारी।
फैक्ट फाइंडिंग कमेटी सस्दयों को नहीं जाने दिया गया संदेशखाली।
Sandeshkhali Voilence : पश्चिम बंगाल। संदेशखाली हिंसा पर पश्चिम बंगाल में राजनीति थम नहीं रही है ,अब तक पीड़ितों को राहत देने के लिए क्या कुछ किया गया इसे लेकर तो ज्यादा तथ्य सामने नहीं आये हैं लेकिन आरोप - प्रत्यारोप और नेताओं के बीच ज़ुबानी जंग जारी है। रविवार को संदेशखाली पहुँची एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को पुलिस ने संदेशखाली जाने से रोक दिया इतना ही नहीं इस समिति के सदस्यों को कुछ देर पुलिस हिरासत में भी रखा गया। इस पर टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा कि, ये सब राज्य सरकार को बदनाम करने की साजिश है। ये फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सदस्य बीजेपी के ही लोग थे।
टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा कि, ''उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात, असम और मणिपुर में यह तथाकथित फैक्ट फाइंडिंग टीम कहां थी ? ये बीजेपी के कैडर हैं जिन पर बीजेपी का नियंत्रण है। वे यहां केवल टीएमसी सरकार को बदनाम करने के लिए आये हैं। बीजेपी को बंगाल के लोगों पर भरोसा नहीं है और न ही उनके साथ कोई संबंध है। वे जानते हैं कि बंगाल के लोग उनका समर्थन नहीं करते हैं। यही कारण है कि वे विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग कर रहे हैं, और यह केवल यह साबित करता है कि उनका बंगाल में कोई संगठन नहीं है।"
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