राज एक्सप्रेस। कोलकाता बंदरगाह को अब से डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम से जाना जाएगा। कोलकाता बंदरगाह की 150वीं वर्षगांठ के मौके पर कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में हो रहे कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने बंदरगाह को श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखने की घोषणा की है।
पश्चिम बंगाल की, देश की इसी भावना को नमन करते हुए, मैं कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम, भारत के औद्योगीकरण के प्रणेता, बंगाल के विकास का सपना लेकर जीने वाले और एक देश, एक विधान के लिए बलिदान देने वाले डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर करने की घोषणा करता हूं।
नरेंद्र मोदी(प्रधानमंत्री)
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि, 'आज के इस अवसर पर, मैं बाबा साहेब आंबेडकर को भी याद करता हूं, उन्हें नमन करता हूं। डॉक्टर मुखर्जी और बाबा साहेब, दोनों ने स्वतंत्रता के बाद के भारत के लिए नई नीतियां दी थीं, नया विजन दिया था।'
कार्यक्रम से गायब थीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
कार्यक्रम के ठीक एक दिन पहले कोलकाता में ही प्रधानमंत्री से मुलाकात कर चुकीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज के कार्यक्रम में गायब थीं।
आज के कार्यक्रम से ठीक एक दिन पहले हुई मुलाकात में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी से नागरिकता संशोधन अधिनियम को हटाने की मांग की। यह एक अनौपचारिक मुलाकात थी जो तकरीबन 35 मिनट तक चली थी।
इस मुलाकात के बाद सीएम मीडिया से मुखातिब हुईं और बताया कि, मैंने प्रधानमंत्री से इस विवादस्पद कानून को हटाने की मांग की है। हम सीएए, एनआरसी, एनपीआर के ख़िलाफ़ हैं। मैंने उनसे कहा कि, हम लोगों को बाँटने के ख़िलाफ़ हैं। हम यह नहीं चाहते हैं कि, लोगों को देश से बाहर निकाल दिया जाए। हम यह नहीं चाहते हैं कि, लोगों के साथ क्रूरता हो। मैंने उनसे कहा कि केंद्र को सीएए पर फिर से विचार करना चाहिए।'
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