राज्यसभा की पहली बैठक की 68वीं वर्षगांठ- नायडू ने साझा किए विचार

राज्यसभा सभापति एम. वेंकैया नायडू द्वारा राज्यसभा की पहली बैठक की 68 वीं वर्षगांठ के मौके पर सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक पर लेख लिखा और कहा, राज्यसभा मंथन और निर्णय पर जोर दे।
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राज एक्‍सप्रेस। कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान नेताओं की प्रतिक्रिया का दौर भी जारी है, सभी अपने-अपने अंदाज में अपने अनुभव साझा कर रहे हैं। अब हाल में राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू की प्रतिक्रिया सामने आई हैं।

क्‍या है एम. वेंकैया नायडू की प्रतिक्रिया ?

राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने यह कहा है कि, सदन को मंथन और निर्णय पर जोर देते हुए बाधाओं, अड़चनों और समय की बर्बादी से बचना चाहिए। सदन में प्रत्येक मुद्दे पर विचार विमर्श, चर्चा, बहस और फैसले होने चाहिए, यदि मुद्दों पर राजनीतिक मतभेद हो तो उन्हें बाधाओं में नहीं बदलने देना चाहिए, इस पर सभी पक्षों को विचार करने की जरूरत है।

सभापति एम. वेंकैया नायडू द्वारा राज्यसभा की पहली बैठक की 68 वीं वर्षगांठ के मौके पर सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक पर एक लेख लिखते हुए ये भी कहा है कि, पिछले बजट सत्र तक राज्यसभा की 5472 बैठक हो चुकी है, इसके अलावा सदन ने कम से कम 3857 विधेयक पारित किए हैं। सदन ने तीन बार अपना स्वतंत्र रूख अपनाया है, जिसके कारण 1961, 1978 और 2002 संसद की संयुक्त बैठक बुलाई गई है।

राज्यसभा की घटती उत्पादकता पर अफसोस :

इस दौरान एम. वेंकैया नायडू ने राज्यसभा की घटती उत्पादकता पर अफसोस भी व्यक्त किया, उनका कहना है कि, ''सदन की कार्यवाही में बाधा और अड़चन उत्पन्न करने का चलन बढ़ रहा है, इससे कामकाज प्रभावित होता है और उत्पादकता लगातार गिरती जाती है।'' उन्होंने आगे यह भी बताया-

  • वर्ष 1978 से 2004 तक सदन ने अपने समय का फुल 39.50 प्रतिशत समय कामकाज में व्यय किया है।

  • वर्ष 2005 - 2014 में 21.99 प्रतिशत समय का इस्तेमाल कामकाज में किया।

  • 2015 से 2019 तक यह आंकड़ा 12.34 प्रतिशत रह गया।

उन्होंने कहा कि, बाधाओं के कारण प्रश्नकाल बार-बार छोड़ देना पड़ा, जिसका असर सदन की उत्पादकता पर सर्वाधिक पड़ा।

डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। सिर्फ शीर्षक में बदलाव किया गया है। अतः इस आर्टिकल अथवा समाचार में प्रकाशित हुए तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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