शीतकालीन चार धाम यात्रा : शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद यात्रा पर रवाना, यमुनोत्री में करेंगे पूजा
हाइलाइट्स :
यह यात्रा 2 जनवरी तक चलेगी।
जोशीमठ होगा यात्रा का अंतिम पड़ाव।
स्थानीय लोगों को भी होगा इसका लाभ।
उत्तराखंड। हरिद्वार में बुधवार से चार धाम यात्रा शुरू हो गई है। ऐसा पहली बार हो रहा है जब चार धाम यात्रा शीतकाल यानि सर्दियों में भी की जा रही है। इसके पहले यह यात्रा गर्मियों में 6 महीने तक चलती थी। दीपावली के आस - पास यात्रा समाप्त हो जाती थी। इस यात्रा का शुभारम्भ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के द्वारा की जा रही हैं। उनका मानना है कि, शीतकाल में भी चारधाम की पूजा वैकल्पिक स्थान पर की जा सकती है। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद द्वारा बुधवार को यमुनोत्री में पूजा अर्चना कर यात्रा की शुरुआत की।
पिछले दिनों शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Shankaracharya Swami Avimukteshwarananda Saraswati) ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami) से मुलाकात की थी। यह यात्रा 2 जनवरी तक चलेगी। यह यात्रा यमुनोत्री, गंगोत्री, ओंकारेश्रवर मंदिर ऊखीमठ, बद्रीनाथ धाम होते हुए जोशीमठ पहुंचेगी। इस बारे में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती पूरे साल चारधाम यात्रा जारी रहना चाहिए। शीतकालीन चार धाम यात्रा शुरू करके वे सभी को संदेसध देंगे। इससे साल भर तीर्थ यात्रा जारी रहेगी। इसका लाभ स्थानीय लोगों को भी होगा।
शीतकालीन चार धाम यात्रा का शेड्यूल :
27 दिसंबर शंकराचार्य अविमुक्तेस्वरानंद सरस्वती हरिद्वार से यमुनोत्री धाम के शीतकालीन गद्दीस्थल खरसाली पहुंचेंगे।
28 दिसंबर को गंगोत्री धाम के मुखवा पूजा स्थल पर यात्रा पहुंचेगी।
इसके बाद उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग होते हुए यात्रा ओंकारेश्रवर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी।
जोशीमठ में यह यात्रा समाप्त होगी।
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