उत्तराखंड। देश में कोरोना महामारी बहुत ही तेजी से फैलती नजर आरही है, हालात बेकाबू होते नजर आ रहे हैं। हर दिन लाखों मामले सामने आरहे हैं और सैकड़ों लोगों की जान जा रही है। ऐसे में उत्तराखंड के हरिद्वार में कुंभ का मेला जारी है, वहीं, अब पूरे देश में कोरोना के मामलों को मद्देनजर रखते हुए कुंभ के मेले को बंद करने को लेकर विचार किया जा रहा है।
उत्तराखंड सरकार और धार्मिक नेताओं के बीच चर्चा :
दरअसल, आज पूरे देश में कोरोना से हाहाकार मच रहा है। ऐसे में अब कुंभ के मेले को जारी रखना काफी खतरनाक साबित हो सकता है। क्योंकि, कुंभ मेले में पूरे भारत के अलग-अलग राज्यों से लोग स्नान करने आते हैं। ऐसे में अब विचार किया जा रहा है कि, कुंभ मेले को दो हफ्ते पहले खत्म कर देना चाहिए। इस मामले में प्राप्त जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड सरकार और धार्मिक नेताओं के बीच इस मामले में चर्चा की गई है। वहीं, इस दौरान बीते 48 घंटे में हरिद्वार में कुल 1,000 लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं।
दूसरा शाही स्नान आज :
बताते चलें, आज कुंभ का दूसरा शाही स्नान था। जिसमें मेष सक्रांति पर अमृत योग में सभी 13 अखाड़ों ने हरकी पैड़ी पर शाही शान के साथ गंगा स्नान किया। यह स्नान 'हर-हर महादेव' के जयकारों के साथ सुबह 9 बजे शुरू हुए होकर शाम के 6.10 बजे तक चला। संतों के साथ ही हजारों श्रद्धालुओं ने भी यहाँ स्नान किया। हालांकि, कोरोना के चलते श्रद्धालुओं में फिर भी काफी कमी देखी गई। साथ ही इस बार स्नान के दौरान किसी प्रकार की सख्ती का माहौल दिखाई नहीं दिया जबकि, पहले शाही स्नान के दिन काफी सख्ती देखने को मिली थी।
मेला अधिष्ठान के अनुसार :
मेला अधिष्ठान के अनुसार, 'शाम 6 बजे तक 13.58 लाख श्रद्धालुओं ने पुण्य की डुबकी लगाई थी, जबकि पहले शाही स्नान में शामिल होने वालों का आंकड़ा 37 लाख था।' खबरों की मानें तो, कुंभ मेले का समापन या कहे अंतिम शाही स्नान 27 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा पर ही होगा।
कैसा रहा निर्धारित क्रम :
निर्धारित क्रम के मुताबिक,
पहला क्रम : सबसे पहले सुबह 9 बजे श्रीपंचायती अखाड़ा श्रीनिरंजनी और श्रीपंचायती आनंद अखाड़े का शाही जुलूस हरकी पैड़ी पहुंचा। श्रीपंचायती अखाड़ा श्रीनिरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि और आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि के साथ ही मंसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रङ्क्षवद्र पुरी के नेतृत्व में संतों ने गंगा स्नान किया।
दूसरा क्रम : इसके बाद आचार्य महामंडलेश्वर अवेधानंद गिरि के नेतृत्व में श्रीपंदशनाम जूना अखाड़ा के संतों ने स्नान किया। जूना अखाड़ा के छत्र तले आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी रामकृष्णानंद सरस्वती के साथ अग्नि, आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी शिवेंद्र पुरी के साथ आह्वान अखाड़े के संतों ने भी पुण्य की डुबकी लगाई। जूना अखाड़े के छत्र तले ही किन्नर अखाड़े के संतों ने भी स्नान किया।
तीसरा क्रम : तीसरे क्रम में महानिर्वाणी अखाड़े ने आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद गिरि, अटल अखाड़े ने अपने आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद महाराज की अगुआई में गंगा में डुबकी लगाई। अब तीनों बैरागी अणियों का क्रम था। इसमें निर्वाणी अणि के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास, निर्मोही अणि के श्रीमहंत धर्मदास और दिगंबर अणि के श्रीमहंत कृष्णदास की अगुआई में संतों ने 1200 खालसों के साथ ब्रह्मकुंड में स्नान किया।
चार सौ से ज्यादा साधु नहीं कर पाए स्नान :
कई संतों के स्नान करने के बाद भी अखाड़ों में बढ़ रहे कोरोना मामलों के चलते चार सौ से अधिक साधु-संत शाही स्नान नहीं कर पाए। अखाड़ों में कोरोना से संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। अब तक अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि, जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री प्रेमगिरि सहित 37 से अधिक साधु-संत संक्रमित हो चुके हैं। इनमें सबसे अधिक 17 साधु-संन्यासी श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के हैं। वहीं श्रीपंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी में संक्रमित साधु-संन्यासियों की संख्या नौ है।
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