पीएम ने वाराणसी में 'काशी तमिल संगमम्' कार्यक्रम का किया उद्घाटन
पीएम ने वाराणसी में 'काशी तमिल संगमम्' कार्यक्रम का किया उद्घाटनSocial Media

पीएम मोदी ने वाराणसी में 'काशी तमिल संगमम्' कार्यक्रम का किया उद्घाटन, CM योगी रहे मौजूद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज शनिवार वाराणसी पहुंचे, जहां उन्होंने महीने भर चलने वाले 'काशी तमिल संगमम्' (Kashi Tamil Sangamam) का उद्घाटन किया।
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वाराणसी, भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi)आज शनिवार वाराणसी पहुंचे, जहां उन्होंने महीने भर चलने वाले 'काशी तमिल संगमम्' (Kashi Tamil Sangamam) का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम बीएचयू के एमपी थियेटर ग्राउंड में आयोजित किया गया है। इस दौरान पीएम मोदी के साथ मंच पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद रहे।

योगी आदित्यनाथ ने कही यह बात:

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान कहा कि, "बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में 'काशी तमिल संगमम्' का आयोजन किया जा रहा है। इससे दक्षिण का उत्तर से अद्भुत संगम हो रहा है। सदियों पुराना संबंध फिर से नवजीवन पा रहा है।"

उन्होंने कहा कि, "यह आयोजन आज़ादी के अमृतकाल में प्रधानमंत्री जी के 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की परिकल्पना को जीवित कर रहा है... काशी और तमिलनाडु में भारतीय संस्कृति के सभी तत्व समान रूप से संरक्षित।"

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि, "तमिल भाषा का साहित्य अत्यंत प्राचीन और समृद्ध है।यह मान्यता है कि भगवान शिव के मुंह से जो दो भाषाएं निकलीं उनमें तमिल और संस्कृत समान रूप से एक साथ निकलकर अपने समृद्ध साहित्य के लिए जानी जाती है।"

पीएम मोदी ने कार्यक्रम को किया संबोधित:

वहीं, 'काशी तमिल संगमम्' को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा कि, "हमारे देश में संगमों का बड़ा महत्व रहा है। नदियों और धाराओं के संगम से लेकर विचारों-विचारधाराओं, ज्ञान-विज्ञान और समाजों-संस्कृतियों के संगम का हमने जश्न मनाया है। इसलिए काशी तमिल संगमम् अपने आप में विशेष है, अद्वितीय है।"

पीएम मोदी ने संबोधन में कही ये बातें....

  • एक ओर पूरे भारत को अपने आप में समेटे हमारी सांस्कृतिक राजधानी काशी है, तो दूसरी और, भारत की प्राचीनता और गौरव का केंद्र, हमारा तमिलनाडु और तमिल संस्कृति है। ये संगम भी गंगा यमुना के संगम जितना पवित्र है।

  • काशी और तमिलनाडु दोनों शिवमय हैं, दोनों शक्तिमय हैं। एक स्वयं में काशी है, तो तमिलनाडु में दक्षिण काशी है। काशी-कांची के रूप में दोनों की सप्तपुरियों में अपनी महत्ता है।

  • काशी और तमिलनाडु दोनों ही संस्कृति और सभ्यता के कालातीत केंद्र हैं। दोनों क्षेत्र संस्कृत और तमिल जैसी विश्व की सबसे प्राचीन भाषाओं के केंद्र हैं।

  • हमारे पास दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा तमिल है। आज तक ये भाषा उतनी ही पॉपुलर है। ये हम 130 करोड़ देशवासियों की ज़िम्मेदारी है कि, हमें तमिल की इस विरासत को बचाना भी है, उसे समृद्ध भी करना है।

जानकारी के लिए बता दें कि, 'काशी तमिल संगमम' का आयोजन 17 नवंबर से 16 दिसंबर तक वाराणसी (काशी) में किया जा रहा है। इस बारे में शिक्षा मंत्रालय ने बताया था कि, "काशी तमिल संगमम' का आयोजन 17 नवंबर से 16 दिसंबर तक वाराणसी (काशी) में किया जाएगा। इसका उद्देश्य देश के दो सबसे महत्वपूर्ण और प्राचीन ज्ञान केंद्रों तमिलनाडु एवं काशी के बीच सदियों पुरानी कड़ियों को फिर से तलाशना और उनका उत्सव मनाना।" शिक्षा

मंत्रालय के अनुसार, इस विशिष्ट आयोजन के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास और काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) दो कार्यान्वयन एजेंसियां हैं।

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