योगी राज में 'स्मार्ट मुखबिर' ने तोड़ी अपराध की कमर
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Uttar Pradesh : योगी राज में 'स्मार्ट मुखबिर' ने तोड़ी अपराध की कमर

लखनऊ, उत्तर प्रदेश : योगी सरकार ने यूपी पुलिस को स्मार्ट पुलिसिंग से जोड़ा। इसके लिए योगी सरकार ने यूपी पुलिस को सीसीटीवी से कनेक्ट करने पर जोर दिया।
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हाइलाइट्स :

  • अपराध पर नकेल कसने में यूपी पुलिस के सारथी बने लाखों सीसीटीवी।

  • प्रदेश में अभियान चलाकर पांच माह में लगाए गए 6,28,283 सीसीटीवी।

  • सीसीटीवी के जरिये यूपी पुलिस ने 1355 घटनाओं का किया खुलासा।

लखनऊ, उत्तर प्रदेश। वर्ष 2017 से पहले आपराधिक घटनाओं का खुलासा करने के लिए यूपी पुलिस पारंपरिक रूप से मुखबिरों पर ही निर्भर रहा करती थी। इससे पुलिस को घटनाओं का पर्दाफाश करने में ना सिर्फ काफी परेशानी होती थी, बल्कि कई बार तो वास्तविक मुजरिम तक पहुंचने में वर्षों लग जाया करते थे। उस दौर में घटित तमाम वारदातों का खुलासा पुलिस के लिए टेढ़ी खीर हुआ करता था। यही नहीं न जाने कितने मामले तो ऐसे भी हुए जिनमें बिना खुलासा हुए ही केस ठंडे बस्ते में डाल दिये जाते थे। वहीं अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कार्य कर रही योगी सरकार ने यूपी पुलिस को स्मार्ट पुलिसिंग से जोड़ा। इसके लिए योगी सरकार ने यूपी पुलिस को सीसीटीवी से कनेक्ट करने पर जोर दिया। योगी सरकार की इस पहल के बाद यूपी पुलिस ने स्मार्ट पुलिसिंग के तहत प्रदेश के 3,21,635 स्थानों पर 7,22,161 सीसीटीवी लगवाए।

पायलट प्रोजेक्ट के तहत गोरखपुर जोन से हुई थी शुरुआत

यूपी के शहरों को सुविधायुक्त बनाने के साथ ही सुरक्षा के स्मार्ट प्रबंध भी योगी सरकार की प्राथमिकता में हैं। प्रदेश के शहरों को सुरक्षित बनाने के लिए जहां एक तरफ इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर (आईसीसीसी) के माध्यम से बहुस्तरीय निगरानी की जा रही है, वहीं अपराध पर लगाम लगाने के लिए यूपी पुलिस को स्मार्ट पुलिसिंग से जोड़ा गया। इसके तहत प्रदेश भर में यूपी पुलिस के माध्यम से सीसीटीवी लगाने के साथ इनकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके अलावा प्रदेश के थानों को भी सीसीटीवी से जोड़ा गया ताकि प्रदेश की जनता को पारदर्शी न्याय मिल सके। सीएम योगी की पहल पर यूपी पुलिस ने सीसीटीवी से खुद को कनेक्ट किया तो जघन्य अपराधों के खुलासे और अपरधियों की धरपकड़ में सीसीटीवी सारथी बन गये। यूपी पुलिस ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत गोरखुपर जोन से इसकी शुरुआत की। यहां पर विभिन्न स्थानों पर जनसहयोग से पुलिस ने 46,478 सीसीटीवी लगाए। इसके जरिये गाेरखुपर जोन से करीब सौ घटनाओं का खुलासा सीसीटीवी के जरिये हुआ। इनमें 16 डकैती/लूट, 5 हत्या, 4 अपहरण/फिरौती के लिए अपहरण, 3 बलात्कार/छेड़खानी, 34 चोरी/नकबजनी समेत 37 अन्य मामले शामिल हैं। इसके बाद यूपी पुलिस ने अभियान चलाकर मात्र पांच माह में प्रदेशभर में 2,48,116 स्थानों पर 6,28,283 सीसीटीवी लगाए गए।

स्मार्ट पुलिसिंग से पुलिस ने 1355 घटनाओं का किया राजफाश

अभियान के दौरान प्रदेश के सात कमिश्नरेट के 79,135 स्थानों पर 1,83,561 सीसीटीवी लगाए गए। इनमें सबसे ज्यादा प्रयागराज कमिश्नरेट के 29,188 स्थानों पर 56,920 सीसीटीवी लगाए गए, जबकि दूसरे नंबर पर गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट के 11,523 स्थानों पर 31,244 सीसीटीवी लगाए गए। वहीं तीसरे नंबर पर कानपुर नगर कमिश्नरेट के 11,275 स्थानों पर 30746 सीसीटीवी लगाए गए। इसी तरह प्रदेश के आठ जोन के 1,68,981 स्थानों पर 4,44,722 सीसीटीवी लगाए गए। इन सीसीटीवी के जरिये यूपी पुलिस ने स्मार्ट पुलिसिंग को अपनाते हुए प्रदेश में जघन्य अपराधाें के साथ अन्य 1355 मामलों का खुलासा किया है। इनमें 209 डकैती/लूट, 82 हत्या, 46 अपहरण/फिरौती के लिए अपहरण, 32 बलात्कार/छेड़खानी, 574 चोरी/नकबजनी समेत 412 अन्य मामले शामिल हैं। इनमें गाजियाबाद कमिश्नरेट ने सबसे अधिक डकैती/लूट की 15, गौतमबुद्धनगर ने हत्या के 4 और चोरी/नकबजनी के 39 मामलों को खुलासा किया। इसी तरह आगरा जोन ने सबसे अधिक डकैती/लूट की 50, मेरठ ने हत्या के 18, आगरा ने अपहरण/फिरौती के 18, वाराणसी ने बलात्कार/छेड़खानी के 12, चोरी/नकबजनी के 179 और 70 अन्य मामलों को खुलासा किया।

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