पहले की सरकारों में थी कर्महीनता, हमने बनाया यूपी को सर प्लस स्टेट : सीएम योगी

लखनऊ, उत्तर प्रदेश : 2017 में पहला बजट भी प्रभु श्रीराम को साक्षी मानकर प्रस्तुत किया और आठवां बजट भी भगवान राम के श्री चरणों में समर्पित।
सीएम योगी
सीएम योगीRaj Express
Published on
Updated on
8 min read

हाइलाइट्स :

  • विधानसभा में बजट 2024-25 पर अपने संबोधन में सीएम योगी ने बजट की बड़ी बातों का किया उल्लेख।

  • रहीम और तुलसीदास के दोहों के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर किया करारा प्रहार।

  • पहले की सरकारों के लिए विकास, किसान, युवा, महिलाएं और गरीब नहीं थे प्राथमिकता।

लखनऊ, उत्तर प्रदेश। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को विधानसभा में बजट 2024-25 पर चर्चा में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में जहां एक ओर प्रदेश सरकार के सबसे बड़े बजट की बड़ी बातों का प्रमुखता से उल्लेख किया तो वहीं रहीम और तुलसीदास जी के दोहों के माध्यम से नेता विरोधी दल पर तमाम करारे प्रहार किए और 2016-17 के मुकाबले 2024-25 के बजट की तुलना भी की। जय श्री राम के नारों के बीच नेता सदन ने चौधरी चरण सिंह समेत देश की तमाम विभूतियों को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने पर हर्ष भी जताया और बजट चर्चा में हिस्सा लेने वाले सभी 93 सदस्यों का अभिवादन भी किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में निवेश का जो बेहतर माहौल बना है उसी का परिणाम है कि 19 फरवरी को हम प्रदेश में 10 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश का कार्यक्रम ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के माध्यम से करने जा रहे हैं। यह दिखाता है कि पोटेंशियल उत्तर प्रदेश में था,यहां का युवा उस प्रतिभा से लैस था, उसकी आकांक्षा भी थी, लेकिन कुछ करने की जिजीविषा प्रदेश की लीडरशिप में नहीं थी, सोच नहीं थी, विजन नहीं था, कर्महीनता की स्थिति थी, नीतिगत जड़ता थी। आज हम उत्तर प्रदेश को रेवेन्यू सर प्लस स्टेट बनाने में सफल रहे हैं।

नेता विरोधी दल पर किए करारे प्रहार

सीएम योगी ने नेता विरोधी दल अखिलेश यादव पर एक के बाद एक करारे प्रहार किए। इसके लिए उन्होंने रहीम और तुलसीदास जी के दोहों का सहारा लिया। उन्होंने कहा कि जब ये सत्ता में थे, तब इनकी अपनी प्राथमिकताएं थीं और उन्हीं को लेकर तुलसी दास जी ने कहा है, 'सकल पदारथ ऐही जग माहीं, करमहीन नर पावत नाहीं...इन्हीं के लिए कहा है, इसी कर्महीनता और अकर्मण्यता के लिए कहा है। इनकी प्राथमिकता विकास नहीं था, किसान नहीं था, युवा नहीं था, महिलाएं नहीं थी, गरीब नहीं था। इससे पूर्व सीएम योगी ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि लगा था कि बजट भाषण में जब किसानों की बात आएगी तो नेता विरोधी दल अवश्य चौधरी साहब का स्मरण करेंगे,लेकिन 'बिगरी बात बने नहीं, लाख करो किन कोय, रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय।' ये स्थिति आज उनकी हो चुकी है। कोई साथ में आने को तैयार ही नहीं है। सबको मालूम है कि पता नहीं कहां किसको धोखा दे दें। इसके बाद सीएम योगी ने तुलसीदास के दोहे का जिक्र करते हुए कहा कि प्रभु श्रीराम भरत जी से कहते हैं कि 'बरसत हरषत लोग सब करषत लखै न कोई, तुलसी प्रजा सुभाग ते भूप भानु सो होई।' इन पंक्तियों का अर्थ समझाते हुए उन्होंने बताया कि जैसे सूर्य, समुद्र, नदी, तालाब से पानी लेता है, लेकिन किसी को पता नहीं चलता परंतु जब वह बादल के रूप में बरसते हैं तो सबको पता चलता है। यही स्थिति इस लोककल्याणकारी और लोकमंगल बजट की भी है। यह बजट बिना भेदभाव के सभी 75 जनपदों को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है। आज उत्तर प्रदेश बीमारू नहीं, रेवेन्यू सर प्लस स्टेट है। यह 7 वर्ष में बिना कोई टैक्स लगाए हुए हुआ है। मंडी शुल्क को आधा किया गया है। प्रदेश में डीजल पेट्रोल की दर देश में सबसे कम है। इसके पीछे रामराज्य की ही अवधारणा है। नेता विरोधी दल को इन सारी चीजों से चिढ़ थी।

बजट में रामराज्य की अवधारणा को साकार करने का पूरा प्रयास

सीएम योगी ने कहा कि 2017 में जब हमने अपना पहला बजट सदन में प्रस्तुत किया था, उस समय भी हमने कहा था कि हम यह बजट मर्यादा पुरुषोत्म प्रभु श्रीराम को साक्षी मानकर प्रस्तुत कर रहे हैं। ये हमारा सौभाग्य है कि हमारी सरकार ने जब अपना आठवां बजट प्रस्तुत किया है तो अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य और दिव्य मंदिर बनकर के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम भी बड़ी धूमधान के साथ संपन्न हो चुका है। इसलिए यह बजट भी श्रीराम के श्री चरणों में समर्पित है, क्योंकि प्रभु श्रीराम लोकमंगल का प्रतीक हैं इसलिए ये बजट भी लोकमंगल का है। अमृतकाल के इस पहले बजट में रामराज्य की अवधारणाओं को साकार करने का पूरा प्रयास हुआ है। देश की सबसे बड़ी आजादी के राज्य के आर्थिक विकास को तीव्र करने की दृष्टि से, एक सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी और लोकमंगल के साथ-साथ उत्तर प्रदेश को समृद्धि की एक नई ऊंचाई तक पहुंचाने के लिए एक बेहतर रोडमैप के साथ इस बजट को प्रस्तुत किया गया है। बजट में अंत्योदय से एक विकसित अर्थव्यवस्था तक, इंफ्रास्ट्रक्चर से ईज आफ लिविंग तक, ईज आफ डूइंग बिजनेस से इनवेस्टमेंट के ड्रीम डेस्टिनेशन तक, कृषि और किसान से लेकर के गरीब कल्याण तक, आस्था से लेकर अर्थव्यवस्था तक, शिक्षा और स्वास्थ्य से स्वावलंबन की ओर, संस्कृति से समृद्धि की ओर और महिला सशक्तिकरण के संकल्प को समावेशित करते हुए विकसित उत्तर प्रदेश को प्रस्तुत करने के लिए एक बेहतर रोडमैप के साथ इस बजट को प्रस्तुत किया गया है। हो सकता है कि नेता विरोधी दल को बजट के आकार को लेकर आपत्ति हो, क्योंकि पहली बार उत्तर प्रदेश का बजट 7.36 लाख रुपए का है। यह ऐतिहासिक वर्ष का ऐतिहासिक बजट भी है।

जीएसडीपी को दोगुना करने में सफल रही सरकार

सीएम योगी ने कहा कि अगर हम लोग 2012-13 की तुलना में देखेंगे तो यह तीन गुना से अधिक है और 2016-17 की तुलना में दुगुना बजट है। गत वर्ष की तुलना में 7 प्रतिशत वृद्धि के साथ इसे प्रस्तुत किया गया है। बजट में इसका जो आकार बड़ा है वो केवल व्यय की दृष्टि से नहीं है, वह 25 करोड़ जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप लोककल्याण के लिए, अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति के विकास के लिए, इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए, शिक्षा, स्वास्थ्य और टेक्नोलॉजी को कैसे हम मजबूती दे सकें इस दृष्टि से आमजन के जीवनस्तर को उठाने के लिए और उत्तर प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय को नेशनल एवरेज तक ले जाने के एक संकल्प के साथ यह बजट प्रस्तुत किया है। उत्तर प्रदेश की जीडीपी की बात यहां हो रही थी। अगर 16-17 की तुलना में देखेंगे तो पिछले 7 वषों के दौरान, 3 वर्ष कोरोना जैसी महामारी का सामना करने के बावजूद हमारी सरकार जीएसडीपी को दुगुना करने में सफल रही है। हम सब जानते हैं कि 2017 तक उत्तर प्रदेश की कुल जीडीपी 12 और 13 लाख करोड़ के बीच में थी। यानी 70 वर्ष लगे जितना उत्तर प्रदेश की इकॉनमी को पहुंचने में, मात्र 7 वर्ष में उससे दोगुना करने में सफलता प्राप्त की। उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय को दुगुना करने में सफलता प्राप्त की। आज जब हम 2024-25 के बजट में चर्चा कर रहे हैं तब उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था दूसरे नंबर पर पहुंच चुकी है। देश की जीडीपी में हमारा शेयर बढ़ा है। आज उत्तर प्रदेश भारत की अर्थव्यवस्था में 9.2 फीसदी का योगदान कर रहा है और हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम अगले वर्ष इसे 10 प्रतिशत तक बढ़ाएं और 5 वर्ष में कम से कम अपनी आबादी के बराबर तो योगदान कर सकें।

7 वर्ष में नहीं बढ़ाया कोई टैक्स, मंडी शुल्क को भी किया आधा

सीएम योगी ने कहा कि हमने उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य से भी उबारा है। नेता विरोधी दल को इन सारी चीजों से चिढ़ थी। आज ये बीमारू नहीं, रेवेन्यू सर प्लस स्टेट है। यह 7 वर्ष में बिना कोई टैक्स लगाए हुए हुआ है। मंडी शुल्क को आधा किया गया है। प्रदेश में डीजल पेट्रोल की दर देश में सबसे कम है। इसके पीछे रामराज्य की ही अवधारणा है। यह बजट बिना भेदभाव के सभी 75 जनपदों को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है। यह हम करने में इसलिए सफल हुए क्योंकि हम कर चोरी को नियंत्रित करने में सफल रहे, राजस्व की लीकेज को रोका और प्रदेश के सीडी रेशियो को हमने कम किया। 2017 के पहले अगर प्रदेश में 100 रुपया जमा होता तो मात्र 44 रुपया ही व्यापारी,उद्यमी और युवकों को अपने रोजगार और आत्मनिर्भरता के लिए मिल पाता था। 7 वर्ष में जो प्रयास प्रारंभ हुए, हम उसको 57-58 फीसदी तक ले जाने में सफल हुए हैं। यह एक बेहतर अर्थव्यवस्था की ओर ध्यान आकर्षित करता है। डिजिटल लेन-देन में प्रदेश के अंदर एक बेहतर प्रतिस्पद्धा को जन्म दिया है और पिछले 5 वर्ष में इसकी रफ्तार को दुगुना करने में सफल हुए हैं। डिजिटल लेन-देन में प्रदेश आज नंबर वन है। इस साल यह संख्या बढ़कर 1174 करोड़ 32 लाख हो गई है। यानी आधे से अधिक लेनदेन यूपीआई के माध्यम से हो रहा है।

सीएम योगी के संबोधन की प्रमुख बातें

  • उन्होंने प्रदेश में बढ़ती बैंकिंग सेवाओं को लेकर कहा कि डिजिटल बैंकिंग की आसान पहुंच आज गांवों में इंटरनेट और वित्तीय जागरूकता के माध्यम से माहौल बना चुकी है। डीबीटी के माध्यम से आज 11 विभागों के द्वारा 62 करोड़ से अधिक ट्रांजैक्शन से 70 हजार करोड़ रुपए प्रदेश की गरीब जनता तक पहुंचाने में सफलता प्राप्त हुई है।

  • बैंकिंग सेवा प्रदेश की अर्थव्यवस्था की बैक बोन होती है। निवेश के लिए ऋण और बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने के लिए स्पीड का काम करती है। इस दृष्टि से उत्तर प्रदेश आज अग्रणी राज्य बन चुका है। प्रदेश में बैंकिंग व्यवसाय जो 2017 में 12 से 13 लाख करोड़ के आसपास था, आज लगभग 26 लाख करोड़ हो चुका है।

  • प्रदेश में 19705 बैंक की शाखाएं हैं, लेकिन 2 लाख 28 हजार से ज्यादा बैंकिंग करेस्पांडेंट सखी प्रदेश के अंदर गांव और कस्बे में बेहतर सेवाएं उपलब्ध करा रही हैं। यही नहीं आरबीआई के बुलेटिन भी इस बात को प्रदर्शित करते हैं कि बैंक और वित्तीय संस्थाओं से प्रोजेक्ट फाइनेंशिंग के लिए फंड आकर्षित करने में 16 फीसदी से अधिक इनवेस्टमेंट की हिस्सेदारी है वह उत्तर प्रदेश से है जो देश के अंदर शीर्ष स्थान पर है। ये नए उत्तर प्रदेश की स्थिति है।

  • प्रधानमंत्री जनधन योजना में उत्तर प्रदेश 9 करोड़ खातों के साथ नंबर एक पर है। इनमें से आधे खाते महिलाओं के हैं। पीएम स्वनिधि योजना में 17 लाख से अधिक रेहड़ी पटरी व्यवसायी लाभान्वित हो रहे हैं, जो देश में नंबर एक पर है।

  • प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में 5 करोड़ 55 लाख लाभार्थियों के साथ उत्तर प्रदेश नंबर एक पर है। आईटीआर फाइल करने में उत्तर प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है। जून 2014 में 1.65 लाख आयकर रिटर्न उत्तर प्रदेश में फाइल होते थे जो जून 2023 में बढ़कर लगभग 12 लाख हुए हैं। यह दिखाता है प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हुई है।

  • प्रदेश को 2022-23 की तुलना में राष्ट्रीय फलक पर देखेंगे तो राष्टीय आर्थिक विकास की दर 7.2 रही, जबकि प्रदेश की 14.3 प्रतिशत की विकास दर रही है। प्रदेश के अंदर बेरोजगारी दर 2017 से पहले 19 फीसदी से अधिक थी जो आज 2.4 प्रतिशत है। यह दिखाता है कि यहां रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं।

भारत रत्न चौधरी साहब की स्मृतियों को नमन

सीएम योगी ने बजट पर चर्चा में अपनी बात रखने से पहले देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व प्रधानमत्री पीवी नरसिम्हा राव, प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन, कर्पूरी ठाकुर और लाल कृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित करने के केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत किया और आभार जताया। उन्होंने कहा कि चौधरी साहब का संबंध उत्तर प्रदेश से था और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में और देश के प्रधानमंत्री के रूप में करोड़ो किसानों की आवाज को उन्होंने जो बुलंदी दी, सचमुच उनका सम्मान देश के कोटि कोटि अन्नदाता किसानों का सम्मान है। चौधरी साहब की स्मृतियों को यह एक नमन भी है, विनम्र श्रद्धांजलि भी है। चौधरी साहब ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में और देश में प्रधानमंत्री के रूप में जो सुधार के कार्य किए थे वो अविस्मरणीय है। राजस्व में जो सुधार देखने को मिलता है वह चौधरी साहब की देन है। एक गरीब को उसका अधिकार मिल पा रहा है,चौधरी साहब की देन है। किसानों की आवाज को हर मंच पर तवज्जो दी जा रही है, किसान सरकार के एजेंडे का हिस्सा बन सकता है, ये भी चौधरी साहब की देन है। इन सभी नेताओं ने या अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े हुए विशेषज्ञों ने देश को एक पहचान दी और सर्वथा भारत रत्न इनके लिए एक उपयुक्त सम्मान है। इस दौरान सीएम योगी ने उन सदस्यों का भी आभार जताया जिन्होंने सदन में बजट पर चर्चा में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि इस पूरी चर्चा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के कुल 93 सदस्यों ने भाग लिया और इसको और रचनात्मक बनाया। विधानसभा में इतनी गंभीर चर्चा हो सकती है, देर रात्रि तक सदन चल सकता है ये भी देश और दुनिया देख रही है। सबने इस चर्चा को एक नई ऊंचाइयां दी हैं।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com