हाइलाइट्स:
5 मिनट तक रामलला के मस्तक पर पड़ेगी सूर्य की किरणें।
IIT रुड़की के CRBI ने बनाया सूर्य तिलक का सिस्टम।
अयोध्या, उत्तर प्रदेश। इस साल रामनवमी के अवसर पर Ayodhya Ram Mandir में रामलला का सूर्य तिलक होने वाला है। इस सूर्य तिलक का ट्रायल पूरा हो चुका है। 17 अप्रैल को दोपहर 12 बजे Ayodhya Ram Mandir में स्थापित रामलला की मूर्ति के मस्तक पर सूर्य की किरणें पड़ेंगी। यह समय श्री राम के जन्म का समय माना जाता है। वैज्ञानिक तकनीक का प्रयोग कर सूर्य की किरणें ठीक रामलला के मस्तक तक लाने का इंतजाम किया गया है।
IIT रुड़की ने बनाया सूर्य तिलक का सिस्टम
राम नवमी के अवसर पर रामलला के ललाट पर सूर्य की किरण लाने के लिए IIT रुड़की के सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CRBI) ने एक सिस्टम बनाया है। इस सिस्टम के जरिए रामनवमी के दिन ठीक दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें मंदिर की तीसरी मंजिल पर लगे रिफ्लेक्टर पर पड़ंगी। रिफ्लेक्टर से किरणें पहले दर्पण और फिर लेंस पर जाएगी। इसके बाद एक पाइप के जरिए किरण दो और लेंस से गुजरेगी। मंदिर के भीतर रामलला के सामने एक और दर्पण रखा हुआ है। पाइप से गुजरकर सूर्य की किरणें इस दर्पण पर पड़ेगी। यह दर्पण 60 डिग्री एंगल में लगा है। दर्पण पर पड़ने के बाद, सूर्य की किरणें सीधे रामलला के मस्तक पर पडेंगी। इस सिस्टम से शुक्रवार 12 अप्रैल को रामलला की प्रतिमा पर सूर्य तिलक का सफल ट्रायल किया गया। यह सिस्टम सूर्य की स्थिति के हिसाब से एडजस्ट हो सकता है।
राम जन्म पर एक महीने अयोध्या में रुके थे सूर्य
रामनवमी पर रामलला के सूर्य तिलक की वजह मंदिर के एक पुजारी द्वारा बताई गई। दरअसल जब त्रेता युग में श्रीराम का जन्म हुआ था, उस समय सूर्य देव 1 महीने अयोध्या में ही रुके थे। इसी घटना को दोहराने के लिए इस रामनवमी रामलला का सूर्य तिलक करने का निर्णय लिया गया है। यह सूर्य तिलक कुल 5 मिनट तक होगा। इसमें ढाई मिनट तक सूर्य की किरणों की तीव्रता ज्यादा होगी।
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