उत्तर प्रदेश, भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 28 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के कानपुर पहुंचे, इस दौरान वे IIT कानपुर के 54वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। समारोहर में PM के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौज़ूद हैं।
आज कानपुर के लिए दोहरी खुशी का दिन है :
IIT कानपुर के 54वें दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा- आज कानपुर के लिए दोहरी खुशी का दिन है। आज एक तरफ कानपुर को मेट्रो जैसी सुविधा मिल रही है। वहीं दूसरी और टेक्नोलॉजी की दुनिया को आईआईटी कानपुर से आप जैसे अनमोल उपहार भी मिल रहे हैं। जब से आप इस संगठन में आए हैं तब से आप अपने आप में एक बड़े बदलाव का अनुभव कर रहे होंगे। जब आप पहुंचे, तो आपको अज्ञात का भय अवश्य हुआ होगा। IIT कानपुर ने आपको इससे बाहर निकाला है और आपको एक विशाल कैनवास दिया है।
आपका प्रशिक्षण, कौशल और आज का ज्ञान निश्चित रूप से व्यावहारिक लक्ष्यों में अपना स्थान बनाने में आपकी सहायता करेगा। आपने यहां जो व्यक्तित्व विकसित किया है, वह आपको समग्र रूप से समाज की सेवा करने और अपने राष्ट्र को सशक्त बनाने की शक्ति देगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
कानपुर भारत के चुनिंदा शहरों में से है :
PM मोदी ने बताया- कानपुर भारत के उन चुनिंदा शहरों में से है, जो इतना diverse है। सत्ती चौरा घाट से लेकर मदारी पासी तक, नाना साहब से लेकर बटुकेश्वर दत्त तक, इस शहर की सैर करते हैं तो ऐसा लगता है जैसे हम स्वतंत्रता संग्राम के बलिदानों के गौरव की, उस गौरवशाली अतीत की सैर कर रहे हैं।
1930 में दांडी मार्च ने स्वतंत्रता आंदोलन को एक दिशा दी थी। उस युग के युवा प्रेरित थे और उन्होंने 1947 में भारत की स्वतंत्रता को परिभाषित किया- यह उनके लिए उनका स्वर्णिम चरण था। आप अपने जीवन के ऐसे ही सुनहरे युग में कदम रख रहे हैं।
अमृत महोत्सव की इस घड़ी में जब आप आईआईटी की लेगसी लेकर निकल रहे हैं तो उन सपनों को भी लेकर निकले कि 2047 में भारत कैसा होगा। आने वाले 25 सालों में भारत की विकास यात्रा की बागडोर आपको ही संभालनी है।
ये दौर, ये 21वीं सदी, पूरी तरह Technology Driven है। इस दशक में भी Technology अलग-अलग क्षेत्रों में अपना दबदबा और बढ़ाने वाली है। बिना Technology के जीवन अब एक तरह से अधूरा ही होगा। ये जीवन और Technology की स्पर्धा का युग है और मुझे विश्वास है कि इसमें आप जरूर आगे निकलेंगे।
आपने अपनी जवानी के इतने महत्वपूर्ण वर्ष technology का एक्सपर्ट बनने में लगाए हैं। आपके लिए इससे बड़ा अवसर क्या होगा? आपके पास तो भारत के साथ ही पूरे विश्व में technology के क्षेत्र में योगदान करने का बहुत बड़ा अवसर है।
पहले अगर सोच काम चलाने की होती थी, तो आज सोच कुछ कर गुजरने की, काम करके नतीजे लाने की है। पहले अगर समस्याओं से पीछा छुड़ाने की कोशिश होती थी, तो आज समस्याओं के समाधान के लिए संकल्प लिए जाते हैं।
मेरी बातों में आपको अधीरता नजर आ रही होगी लेकिन मैं चाहता हूं कि आप भी इसी तरह आत्मनिर्भर भारत के लिए अधीर बनें। आत्मनिर्भर भारत, पूर्ण आजादी का मूल स्वरूप ही है, जहां हम किसी पर भी निर्भर नहीं रहेंगे।
स्वामी विवेकानंद ने कहा था- Every nation has a message to deliver, a mission to fulfill, a destiny to reach. यदि हम आत्मनिर्भर नहीं होंगे, तो हमारा देश अपने लक्ष्य कैसे पूरे करेगा, अपनी Destiny तक कैसे पहुंचेगा? आप ये कर सकते हैं, मेरा आप पर भरोसा है।
आजादी के इस 75वें साल में हमारे पास 75 से अधिक यूनिकोर्न्स हैं, 50 हजार से अधिक स्टार्टअप्स हैं। इनमें से 10 हजार स्टार्टअप तो केवल पिछले 6 महीनों में आएं हैं।
PM मोदी ने कहा- कौन भारतीय नहीं चाहेगा कि भारत की कंपनियां Global बनें, भारत के Product Global बनें। जो IITs को जानता है, यहां के टैलेंट को जानता है, यहां के प्रोफेसर्स की मेहनत को जानता है, वो ये विश्वास करता है ये IIT के नौजवान जरूर करेंगे।
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