UP में स्थापित होगा फार्मास्युटिकल रिसर्च एंड इनोवेशन इंस्टीट्यूट
UP में स्थापित होगा फार्मास्युटिकल रिसर्च एंड इनोवेशन इंस्टीट्यूटRE

योगी सरकार का बड़ा फैसला - UP में होगी फार्मास्युटिकल रिसर्च एंड इनोवेशन इंस्टीट्यूट की स्थापना

आज भारत में राज्य उत्तर प्रदेश का नाम काफी चर्चा में रहता है, वहीं अब खबर है कि, UP में फार्मास्युटिकल रिसर्च एंड इनोवेशन इंस्टीट्यूट किया जाएगा। इस बारे में जानकारी UP CM योगी आदित्यनाथ ने दी है।
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उत्तर प्रदेश, भारत। आज भारत में राज्य उत्तर प्रदेश का नाम काफी चर्चा में रहता है कभी निवेश को लेकर तो कभी किसी और कारण से। इतना ही नहीं पिछले कुछ समय से देश-विदेश की कंपनियों की पहली पसंद भी उत्तर प्रदेश ही बनाता हा रहा है। पिछले साल से अब तक उत्तर प्रदेश को लेकर कई बढ़ी खबरें सामने आचुकी है। वहीँ, यहां की योगी सरकार अपने बड़े फैसलों के लिए काफी चर्चा में रहती है। इसी बीच अब खबर आई है कि, UP में 'फार्मास्युटिकल रिसर्च एंड इनोवेशन इंस्टीट्यूट' (Pharmaceutical Research and Innovation Institute) स्थापित किया जाएगा। इस बारे में जानकारी UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी है।

UP के मुख्यमंत्री का बड़ा फैसला :

दरअसल, आज भारत के कुछ राज्य कई मामले में अब्बल होते जा रहे हैं। इन्हीं में उत्तर प्रदेश का नाम बड़े स्तर पर शामिल है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की। जिसमें उन्होंने जानकारी देते हुए बताया है कि, 'प्रदेश में फार्मस्युटिकल सेक्टर के विकास की संभावनाओं पर चर्चा हुई है। फार्मा मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों की संख्या में उत्तर प्रदेश देश का छठवां सबसे बड़ा राज्य है, अब हमारा लक्ष्य देश में अग्रणी राज्य बनने का है। इसी प्रकार देश में फार्मा मैन्युफैक्चरिंग में अभी हमारा योगदान 2% का है जिसे 10-12% तक पहुंचाने की आवश्यकता है। फार्मास्युटिकल सेक्टर में विकास बड़ी संभावनाएं हैं। उत्तर प्रदेश को इन संभावनाओं का लाभ उठाना चाहिए। दवा निर्माण के साथ-साथ हमें शोध-अनुसंधान पर भी फ़ोकस करना होगा।'

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का कहना :

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को हुई बैठक में कहा' कि, प्रदेश में आईआईटीआर, सीडीआरआई, सीमैप और एनबीआरआई जैसे उच्चस्तरीय शोध संस्थान क्रियाशील हैं। जबकि एसजीपीजीआई, केजीएमयू जैसे अकादमिक संस्थान भी हैं। नियोजित प्रयासों से बीते कुछ वर्षों में लखनऊ बायोफार्मा हब के रूप में उभर कर आया है। फार्मास्युटिकल सेक्टर के लिए एकेटीयू व अन्य प्राविधिक शिक्षण संस्थान मानव संसाधन उपलब्ध कराने में सक्षम हैं। प्रदेश में फार्मा पार्क निर्माण की कार्यवाही चल रही है तो मेडिकल डिवाइस पार्क का भी निर्माण किया जाना है। इस संसाधनों का बेहतर लाभ उठाना होगा। दवा उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए हमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षण संस्थानों, रिसर्च लैब और इंडस्ट्री, तीनों क्षेत्रों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

उन्होंने आगे कहा, ऐसे में फार्मास्युटिकल रिसर्च एंड इनोवेशन इंस्टीच्यूट की स्थापना की जानी चाहिए। यह संस्थान मूलत: शोध और नवाचार पर केंद्रित होगा, साथ ही सेक्टर से संबधित अन्य संस्थानों व इंडस्ट्री के बीच सेतु का काम करेगा। फार्मास्युटिकल रिसर्च एंड इनोवेशन इंस्टीच्यूट के स्वरूप के संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें। सेक्टर विशेषज्ञों का पैनल तैयार करें। फार्मास्युटिकल सेक्टर की भविष्य की जरूरतों का आकलन करें और दुनिया भर के बेस्ट प्रैक्टिसेज का अध्ययन करते हुए आगामी 15 दिनों के भीतर विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत करें। राजधानी लखनऊ में इसके लिए उपयुक्त भूमि चिन्हित की जाए। यह संस्थान राष्ट्रीय फलक पर उत्तर प्रदेश को फार्मास्युटिकल शोध-अनुसंधान और मैन्यूफैक्च रिंग के क्षेत्र में नई पहचान दिलाने वाला होगा।

गौरतलब है कि, बुधवार को आयोजित हुई इस विशेष बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फार्मा सेक्टर में शोध-अनुसंधान को प्रोत्साहित करने पर बल दिया है। साथ ही प्रदेश में एक नवीन संस्थान की स्थापना करने के लिए अधिकारीयों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।

उत्तर परदेश में यह कंपनियां कर चुकी निवेश :

बताते चलें, पिछले सालों के दौरान उत्तर प्रदेश में कई कंपनियों न निवेश भी किया था। इस लिस्ट में देश-विदेश की कंपनियां शामिल हैं।

  • कनाडा की दो कंपनियां - 1,746 करोड़ का निवेश

  • जर्मनी की चार कंपनियां - तीन सौ करोड़ का निवेश

  • हांगकांग की एक कंपनी - एक हजार करोड़ का निवेश

  • जापान की सात कंपनियां - दो हजार करोड़ का निवेश

  • सिंगापुर की दो कंपनी - 16 सौ करोड़ का निवेश

  • यूनाईटेड किंगडम की तीन कंपनियां - 13 सौ 75 करोड़ का निवेश

  • यूएसए की पांच कंपनियां - 309 करोड़ का निवेश

  • कोरिया की चार कंपनियां - 928 करोड़ का निवेश

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