हाइलाइट्स :
रामभद्राचार्य ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठित होने पर जताई ख़ुशी।
रामलला की मूर्ति पर सवाल उठाने वालों को बताया अज्ञानी।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह समेत कई नेताओं ने उठाये थे सवाल।
उत्तरप्रदेश। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर चल रहे राजनीतिक विवाद पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा, विनाश काले विपरीत बुद्धि। दरअसल पिछले कुछ समय से कई नेताओं ने रामलला की मूर्ति पर कई सवाल खड़े किये थे। कई लोगों ने प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामलला की मूर्ति अनावरित होने पर भी सवाल उठाए हैं।
जगद्गुरु रामभद्राचार्य से पूछा गया कि, कुछ लोगों द्वारा कहा जा रहा है कि, रामलला की मूर्ति तो माता कौशल्या की गोद में होनी चाहिए इस पर रामभद्राचार्य कहा कि, जो लोग इस तरह की बातें कर रहे हैं उन्हें कोई ज्ञान नहीं है। प्राण प्रतिष्ठा से पहले इस तरह का राजनीतिक विवाद पर उन्होंने यह कहते हुए अपनी बात समाप्त की कि, विनाश काले विपरीत बुद्धि।
दरअसल कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पिछले दिनों कहा था कि, मेरे गुरु स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज ने सुझाव दिया कि राम जन्मभूमि मंदिर में भगवान राम की मूर्ति एक बच्चे के रूप में होनी चाहिए, जो माता कौशल्या की गोद में बैठे हों। रामलला की तस्वीरें हालाँकि मूर्ति में भगवान को 5 साल के बच्चे के रूप में दर्शाया गया है। इसके पहले उन्होंने निर्माणाधीन मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा किये जाने पर भी सवाल उठाए थे।
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