लवलेश और सनी थे मेन स्ट्राइकर, बैकअप कर रहा था अरुण, पूरी प्लानिंग के साथ किया गया अतीक-अशरफ पर अटैक
राज एक्सप्रेस। पूरे पुलिस बंदोंबस्त के बावजूद शनिवार की रात जब तीन लड़कों ने माफिया सरगना अतीक अहमद और अशरफ को पॉइंट जीरो रेंज से भून डाला तो पूरा देश इस घटना से सन्न रह गया। लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य ने पुलिस जीप से उतरे दोनों गैंगस्टरों अतीक और अशरफ को लक्ष्य कर ताबड़तोड़ फायरिंग करनी शुरू कर दी। अपने मंसूबों को अंजाम देने के बाद तीनों ने जय श्रीराम के नारे लगाते हुए पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया। किसी क्राइम थ्रिलर की तरह यह एपिसोड यहां बंद हो गया, लेकिन यह कहानी यहीं खत्म नहीं हुई है। इस घटनाक्रम से जुड़ी और कहानियां अभी सामने आती जा रही हैं। अब तक के घटनाक्रम पर नजर डालें तो समझ आता है कि इस घटनाक्रम को पूरी योजना के साथ अंजाम दिया गया।
लवलेश ने अतीक पर की फायरिंग, सनी ने अशरफ को बनाया निशाना :
किस को कहां से हमला करना है और किस की क्या पोजिशन होगी और हत्या के बाद किस तरह पुलिस के समक्ष सरेंडर करना है, यह पहले से तय था। अतीक अहमद और अशरफ जब जीप से बाहर आए तो अतीक के दाहिनी तरफ लवलेश तिवारी चल रहा था। सामने सनी और सनी से कुछ पीछे अरुण ने पोजीशन ले रखी थी। पहली गोली लवलेश ने अतीक के लेफ्ट साइड से कनपटी से थोड़ा ऊपर चलाई। अगले ही पल दूसरी गोली सनी ने सामने से अशरफ पर चलाई। शुरुआती दो गोलियां मुश्किल से 1 सेकंड के अंदर चलीं। 2 सेकंड में ही दोनों माफिया ब्रदर्स जमीन पर गिर गए। तभी पीछे से अरुण दौड़ता हुआ आया और फिर इन तीनों शूटर्स ने माफिया ब्रदर्स पर ताबड़तोड़ गोलीबारी की।
तीनों ने तय योजना के हिसाब से की कार्रवाई, कुछ भी आउट आफ प्लान नहीं था :
इस पूरे प्रकरण पर नजर डालने से पता लगता है कि लवलेश और सनी मुख्य स्ट्राइकर थे, जबकि अरुण को बैकअप में रखा गया था। तीनों शूटर की पोजीशन इस तरह थी कि तीनों तरफ से माफिया ब्रदर्स उनके घेरे में थे। यानी बचने का किसी तरफ से कोई चांस ही नहीं था। यह सब कुछ प्लानिंग के अनुसार तय किया गया। पूरे घटनाक्रम में कुछ भी आउट ऑफ प्लान नहीं था। लवलेश और सनी ने करीब-करीब एक साथ फायर किए थे। घटनास्थल के फूटेज देखने से लगता है कि लवलेश का टारगेट अतीक अहमद और सनी का अशरफ था। वहीं इन दोनों के बैकअप के रूप में अरुण मौजूद था।
पहले मारा फिर जय श्री राम का नारा लगाते हुए कर दिया सरेंडर :
अतीक और अशरफ पर अपनी रिवाल्वर खाली करने के बाद तीनों हत्यारों ने बिल्कुल योजनाबद्ध तरीके से सरेंडर कर दिया। दोनो माफिया की हत्या करने के बाद उन्होंने जय श्री राम के नारे लगाए। पुलिस के प्रति उनका रवैया बेहद सहयोगात्मक रहा। उन्होंने ऐसा प्रदर्शित किया जैसे वे पुलिस के विरोध में नहीं हैं। उनका मकसद केवल अतीक और उसके भाई की हत्या करना था। अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या के बाद उन्होंने जिस तरह से पुलिस के आगे सरेंडर किया उसने कई और सवालों को जन्म दे दिया है। अब उनके जवाब तलाशे जा रहे हैं।
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