कानपुर कोर्ट पहुंचे इरफान सोलंकी, आगजनी मामले में सुनवाई, बोले- मैं इंसान नहीं, जानवर हूं
कानपुर, भारत। यूपी के कानपुर से सपा विधायक इरफान सोलंकी पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। इसी बीच समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी से जुड़ी खबर है कि, उन्हें आज महाराजगंज जेल से कानपुर कोर्ट लाया गया। बीते दिन रविवार रात 2.30 बजे महाराजगंज जेल से पुलिस टीम इरफान को लेकर कानपुर के लिए निकली। सोमवार सुबह करीब 10 बजे वह कानपुर कोर्ट पहुंचे। आगजनी मामले में आज सुनवाई होनी है। वहीं, कोर्ट पहुंचने पर इरफान सोलंकी ने कहा कि, "मैं आदमी नहीं जानवर हूं। पेशाब तक नहीं करने देते ये लोग।" यह कहते हुए इरफान कोर्ट के अंदर चले गए।
पत्नी ने लिखा मुख्यमंत्री को लेटर:
वहीं, शनिवार को विधायक इरफान सोलंकी की मां और पत्नी ने सीएम योगी को पत्र लिखा है। विधायक के परिवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है कि, रमजान के पावन पर्व में इरफान को महराजगंज जेल से कानपुर शिफ्ट कर दिया जाए। पत्र में इरफान की बीमारी का हवाला दिया गया है। कहा गया है कि, इरफान की दोनों किडनियों में स्टोन है। रीढ़ की हड्डी में दर्द है, उनका 20 किलो वजन कम हो गया है।
क्या लिखा है पत्र में:
इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी ने रविवार को प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में लिखा कि, ''इरफान सोलंकी को 8 झूठे मुकदमों में फंसाया गया है। साजिशन मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने के लिए प्रशासन ने इरफान का कानपुर से महाराजगंज जेल ट्रांसफर कर दिया है। इरफान की दोनों किडनी में स्टोन हो गया है। रीड़ की हड्डी में दर्द बना रहता है। मुकदमों की तारीखें जल्दी-जल्दी पड़ती है। इसके चलते प्रत्येक तारीख पर 400 किमी. की यात्रा करके महाराजगंज से कानपुर कोर्ट पेशी पर आना पड़ता है। इसके चलते उनका वजन भी 20 किलो कम हो गया है।"
पत्र में लिखा है कि, "इरफान सोलंकी पर जेल प्रशासन अमानवीय और जानवरों से भी बदतर व्यवहार किया जा रहा है। यहां तक की इरफान के परिजनों और उनके वकील को भी मिलने नहीं दिया जा रहा है।''
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