हाइलाइट्स :
ASI ने किया था ज्ञानवापी का वैज्ञानिक सर्वे।
डिस्ट्रिक्ट जज एके विश्वेशा ने की मामले की सुनवाई।
एएसआई रिपोर्ट पब्लिक करने की लगाईं गई थी अर्जी।
उत्तरप्रदेश। ज्ञानवापी केस में वाराणसी कोर्ट ने अहम फैसला दिया है। वाराणसी कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान फैसला सुनाया कि, इस केस में सभी पक्षकारों को आर्कलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया द्वारा किये गए सर्वेक्षण की रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए। कुछ समय पहले ही ASI ने सील बंद लिफाफे में सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी। यह फैसला डिस्ट्रिक्ट जज एके विश्वेशा (AK Vishvesha) द्वारा दिया गया है।
हिंदू पक्ष की ओर से वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि, ''अदालत ने दोनों पक्षों को सुना। दोनों पक्षों को सुनने के बाद इस बात पर सहमति बनी कि, एएसआई की रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति दोनों पक्षों को उपलब्ध कराई जाएगी। आदेश आने के बाद, हमारी कानूनी टीम प्रमाणित प्रति के लिए आवेदन करेगी।
ASI ने 17 वीं सदी में निर्मित ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे किया था। सर्वे यह जानने के लिए किया गया था कि, 17वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया था या नहीं। दरअसल काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर वाराणसी जिला अदालत ने सर्वेक्षण के आदेश दिए थे।
वाराणसी जिला अदालत द्वारा दिए गए सर्वेक्षण आदेश के खिलाफ पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील की गई थी। उच्च न्यायालय ने आदेश को बरक़रार रखते हुए फैसला सुनाया था कि, न्याय के हित में यह आवश्यक था और इससे हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों को फायदा होगा। इसके बाद उच्तम न्यायालय में भी अपील की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था।
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