लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में लगातार हो रही बारिश से उपजी समस्याओं से निपटने के हर संभव उपाय करने के क्रम में मंत्री समूह को तत्काल बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचने और राहत कार्यों को तेज करने का निर्देश दिया है। योगी ने बुधवार को अतिवृष्टि के कारण उत्पन्न बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के लिये उच्चस्तरीय बैठक में जरूरी दिशानिर्देश दिये। गौरतलब है कि सरकार के आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में प्रदेश के 15 जनपदों में 1500 से अधिक गांवों की लगभग 25 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। मुख्यमंत्री ने इन सभी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य हेतु आवश्यकतानुसार आपदा प्रबंधन बल की टीमें तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों में एडीएम या संयुक्त मैजिस्ट्रेट स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में जनपदीय कंट्रोल रूप हर समय सक्रिय रखने और बाढ़ प्रभावित लोगों को तत्काल मदद पहुंचाने के लिये कहा है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने राजस्वकर्मियों को फसल नुकसान का जल्द आकलन करने का निर्देश भी दिया, जिससे हर प्रभावित किसान को मदद मिल सके। उन्होंने अतिवृष्टि, आकाशीय विद्युत, सर्पदंश तथा डूबने से हुई जनहानि पर दुःख व्यक्त करते हुए दिवंगत व्यक्तियों के परिजनों को अनुमन्य राहत राशि तत्काल वितरित किए जाने तथा घायलों का समुचित उपचार कराने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आमजन को तत्काल मदद पहुंचाई जाए। राहत पैकेट के वित्तरण में देरी न हो। राहत शिविरों में प्रकाश आदि के पर्याप्त प्रबंध होने चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संवेदना और सहयोग का समय है, इसलिये पूरी टीम एकजुट होकर कार्य करे।
योगी ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विभिन्न जलजनित एवं मच्छर जनित बीमारियों के प्रसार की आशंका होती है। साथ ही सर्पदंश की घटनाएं बढ़ने की आशंका है। ऐसे में राहत शिविरों के समीप स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएं। यहां एंटी वेनम इंजेक्शन की उपलब्धता जरूर रहे। कृषि फसलों पर पड़े प्रभाव की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में राजस्व और कृषि विभाग की टीम गहन सर्वेक्षण करते हुए नुकसान का आकलन करे। ताकि किसानों को क्षतिपूर्ति की जा सके। योगी ने इस कार्य को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए किए जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री जी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुधन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि इन क्षेत्रों में पशुचारे का पर्याप्त प्रबन्ध किया जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान ने राप्ती और सरयू (घाघरा) खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इसके मद्देनजर इन नदियों के जलस्तर की सतत निगरानी करने के मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।