राज एक्सप्रेस। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि शहरों के बाद प्रदेश के गांवों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने लगा है जबकि शासन-प्रशासन जानकर अनजान बन रहा है। श्री यादव ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री अपनी नाकामी छुपाने के लिए सफलता का झूठा ढिंढोरा पीटने में लगे हैं। सरकार जनता का सहारा बनने के बजाय उस पर बोझ बन गई है। गांवों में ताबड़तोड़ हो रही मौतों से दहशत व्याप्त है। मुख्यमंत्री के बनाए गए प्रभारी मंत्री लापता है और मेरठ के प्रभारी मंत्री तो पिछले दिनो दो घंटे सर्किट हाउस के एसी कमरे में बैठकर चले गए और उन्होंने जनता की न तो तकलीफें सुनी और नहीं अस्पतालों का निरीक्षण किया। भाजपा सरकार और उनके मंत्रियों की संवेदनहीनता अमानवीय हो गई है।
उन्होंने कहा कि गांवो में कोरोना संक्रमण बढ़ने का कारण यह है कि भाजपा सरकार दवाई, टेस्ट, डाक्टर तथा टीके को कोई इंतजाम नहीं कर पा रही है। गांवों में स्वास्थ्य का ढांचा भाजपा सरकार ने पहले से ही ध्वस्त कर दिया है। वे असहाय मूकदर्शक बन गए हैं। जिन पर लोगों के इलाज की जिम्मेदारी है वे हाथ पर हाथ धरे बैठे है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि गोंडा के गांवों में शहरों से सात गुना ज्यादा संक्रमित पाए गए हैं। गत दिवस को नए निकले 119 मरीजों में 105 ग्रामीण पॉजिटिव मिले।
पंचायत चुनावों के बाद संक्रमण दर 18 प्रतिशत तक पहुंच गई है। गोरखपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना कहर से हाहाकार मचा हुआ हैै। अधिकारी आंकड़ों पर पर्दा डालने के खेल में लग गए हैं। गोरखपुर की ग्राम पंचायतों में 46 हजार ग्रामीण खांसी, बुखार की चपेट में हैं प्रशासन सिर्फ 764 की संख्या बताकर अपनी नाकामी छुपा रहा है। गोरखपुर वाराणसी हाईवे पर बस से हाटा बुजुर्ग गांव में 15 मौतें होने की खबर है। लोग खांसी, बुखार और सांस फूलने से परेशान है। अभी तक पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं गांवो तक नहीं पहुंच पा रही है।
उन्होंने कहा कि कानपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में भी हालात बेकाबू हो रहे हैं। चौबेपुर गांव में 15 दिन में 35 मौतें हुई। ग्राम घसारा में 11 दिन में 13, ग्रामीण पीपली में 7 मौतें हुई। ग्राम परसहा में एक महीने में 24 मौतें हुई। बुखार-खांसी के तमाम मरीज हैं। बुलन्दशहर के बसी गांव में आठ लोग बुखार से मरे जबकि मदनपुर के नकईल गांव में 20 दिन में 15 मौतें हुई है। मुजफ्फरनगर के सोरम गांव में 12 मौतें हुई। कई गांवो में लोग बुखार में तप रहे हैं। कोई पूछने वाला नहीं।
डिस्क्लेमर : यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। इसमें राज एक्सप्रेस द्वारा कोई संशोधन नहीं किया गया है।
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