श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय (Champat Rai) का बड़ा खुलासा
पत्रकार वार्ता में कहा- रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के समय सिर्फ ग्राउंड फ्लोर ही बना था
मंदिर निर्माण के बारे में दी जानकारी
अयोध्या, उत्तर प्रदेश। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय (Champat Rai) ने बयान दिया है कि रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के समय सिर्फ ग्राउंड फ्लोर ही बना था। अयोध्या श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण के बारे में जानकारी देते हुए चम्पत राय इस बात खुलासा किया था जिस समय यानि 22 जनवरी को जब रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा चल रही थी तब मंदिर का सिर्फ भूतल ही पूरा था जबकि पहली मंजिल का काम अब शुरू होगा।
केवल भूतल ही पूरा हुआ था : चंपत राय
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने एक पत्रकार वार्ता में प्रभु राम के मंदिर निर्माण से जुडी जानकारी देते हुए कहा कि ''मंदिर का केवल भूतल ही पूरा हुआ है जहां राम लला की 'प्राण प्रतिष्ठा' की गई थी, पहली मंजिल का काम चल रहा है। मंदिर के चारों ओर 14 फीट चौड़ी सुरक्षा दीवार बनाई जाएगी। इस दीवार को मंदिर का 'परकोटा' कहा जाता है। 'परकोटा' बहुउद्देश्यीय होगा जहां 6 और मंदिर बनाए जाएंगे जो भगवान शंकर, भगवान सूर्य के हैं 'गर्भगृह' और दो भुजाओं पर भगवान हनुमान और मां अन्नपूर्णा का मंदिर बनाया जाएगा।"
बनाए जाएंगे 6 और मंदिर :
ट्रस्ट के महासचिव ने आगे कहा कि "मंदिर परिसर में महर्षि वाल्मिकी, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र और महर्षि अगस्त्य के मंदिर भी बनाए जाएंगे शबरी, मां अहिल्या और जटायु का भी होगा निर्माण मंदिर में एक समय में 25,000 तीर्थयात्रियों को रखने की क्षमता होगी, यहां के सभी पेड़-पौधे सुरक्षित हैं, परिसर में 600 पौधे हैं और सभी सुरक्षित हैं जल उपचार संयंत्र और सीवर उपचार संयंत्र भी वहाँ हैं।
चंपत राय ने आगे कहा कि "यह मंदिर अपने आप में स्वतंत्र होगा और अयोध्या के लोगों को मंदिर की आवश्यकता को पूरा करने के लिए किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। मंदिर में प्रतिदिन एक लाख से अधिक लोग दर्शन के लिए आते हैं। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद से लगभग 1.5 करोड़ लोग राम लला के दर्शन के लिए आए हैं।"
आपको बता दें कि, 17 अप्रैल को श्री राम नवमी के अवसर पर रामलला को सूर्य की किरणों से सुशोभित करने के लिए एक अद्वितीय वैज्ञानिक प्रणाली के माध्यम से 'सूर्य तिलक' (Surya Tilak) ने भगवान राम लला की मूर्ति के माथे को रोशन किया। उस दिन मंदिर 19 घंटे खुला रहा और भगवान को 56 भोग लगाया गया।
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