सौ दिन में माफियाओं से वसूले 844 करोड़
लखनऊ। संगठित अपराध पर नकेल कसने और महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही उत्तर प्रदेश की पुलिस ने पिछले 100 दिनों में गिरोहबंद अधिनियम के तहत माफिया तत्वों से 844 करोड़ रूपये की वसूली की है। सूबे के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी की अध्यक्षता में सोमवार को हुयी समीक्षा बैठक में बताया गया कि शासन के निर्देश पर अब 25 के बजाय 50 विभिन्न प्रकार के माफियाओं यथा खनन, शराब, पशु, वन, भू-माफिया को चिन्हित कर धारा-14(1) गिरोहबंद अधिनियम के अन्तर्गत 500 करोड़ रूपये वसूली के निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष समय से पूर्व ही 844 करोड़ रूपये की वसूली हो चुकी है।
आधिकारिक प्रवक्ता ने बैठक की जानकारी देते हुये कहा कि महिला सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाया गया है तथा महिला सुरक्षा के लिये विशेष दल गठित कर भीड़ भरे स्थानों पर व्यापक अभियान चलाया गया। वीमेन पावर लाइन 1090 पर प्राप्त शिकायतों के शत्-प्रतिशत शिकायतों का निस्तारण भी पूर्ण किया जा चुका है। उन्होने बताया कि प्रदेश के प्रत्येक थाना स्तर पर टॉप 10 अपराधियों के चिन्हिकरण के तहत 15 हजार अपराधियों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसके तहत कुल 16158 टॉप 10 अपराधी चिन्हित किये गये, जिनके विरूद्ध अब तक कुल 83721 अभियोग पंजीकृत कराये जा चुके हैं तथा 648 करोड़ रूपये की सम्पत्ति भी जब्त की जा चुकी है।माफिया गिरोहों, घुमन्तू/पारदी/बावरिया आदि गिरोहों की आपराधिक गतिविधियों पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि अयोध्या में स्पेशल टास्क फोर्स की यूनिट का गठन किया जा चुका है। इसके अलावा 135 कमाण्डों की विभिन्न पदों पर नियुक्ति एवं उपकरणों/संसाधनों की व्यवस्था की कार्यवाही भी पूर्ण की जा चुकी है। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित सात जनपदों में एसएसबी के साथ समन्वय कर मानव तस्करी की रोकथाम के लिये भी प्रभावी प्रयास किये गये है।
राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरों को और अधिक चुस्त-दुरूस्त व प्रभावी बनाये जाने के उद्देश्य से पुलिस महानिदेशक मुख्यालय की अपराध शाखा में विलय किया जा चुका है। डिजीटल वॉलेन्टियर सी-प्लान एप्प में जुड़े 12,39,216 सदस्यों की संख्या को बढ़ाकर 15 लाख करने के लक्ष्य में भी शत्-प्रतिशत की उपलब्धि प्राप्त करते हुये अब तक 15,30,454 सदस्यों को इस एप्प से जोड़ा जा चुका है। अभियोजन प्रणाली को और अधिक चुस्त-दुरूस्त व प्रभावी बनाये जाने को ''ई-अभियोजन मोबाईल एप्प'' विकसित किया गया है। महिलाओं के विरूद्ध पास्को अधिनियम के अपराधों में एक हजार अभियुक्तों को प्रभावी पैरवी कर सजा दिलाये जाने के क्रम में 1546 अभियुक्तों को सजा दिलाकर लक्ष्य से अधिक कार्यवाही की जा चुकी है।
पुलिस विभाग में युवाओं को रोजागार उपलब्ध कराने के 100 दिन के अभियान के तहत 10 हजार पुलिस भर्ती के निर्धारित लक्ष्य को समय से पहले ही शत्-प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है। पुलिस की इस भर्ती से चयनित उपनिरीक्षक एवं समकक्ष पदों पर 1805 महिला उप निरीक्षक एक साथ प्राप्त होंगी, जो महिलाओं के सशक्तिकरण के साथ-साथ महिलाओं की सुरक्षा एवं महिला हितों की दृष्टि से एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।
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