उज्जैन के ज्योतिषी ने तय की थी भारत की आजादी की तारीख, जानिए पूरी कहानी
राज एक्सप्रेस। देश आज आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर तिरंगा फहराया और देश को संबोधित किया। इसके अलावा पूरे देश में लोग तिरंगा लहराकर अपने-अपने तरीके से आजादी का महोत्सव मना रहे हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर देश को आजादी 15 अगस्त को ही क्यों मिली थी? क्या कारण है कि भारत, पाकिस्तान बनने के एक दिन बाद आजाद हुआ? अगर नहीं! तो चलिए जानते हैं।
14 अगस्त या 15 अगस्त :
दरअसल जब यह तय हुआ कि अंग्रेज भारत छोड़ने के लिए तैयार है, तो स्वतंत्रता के दिन की चर्चा होने लगी। उस समय अंग्रेजों की ओर से आजादी के लिए भारत के नेताओं को दो तारीख दी गई थी - पहली 14 अगस्त और दूसरी 15 अगस्त।
पंडित सूर्यनारायण व्यास :
उस समय उज्जैन में विश्वविख्यात ज्योतिष पंडित सूर्यनारायण व्यास रहते थे। देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद उन्हें बहुत मानते थे। ऐसे में डॉ. प्रसाद ने पंडित व्यास को उज्जैन से दिल्ली बुलाया और उनसे कहा कि मुहूर्त देखकर बताओं कि भारत की आजादी के लिए कौन सा दिन और समय श्रेष्ठ होगा। इसके बात पंडित व्यास ने 14-15 अगस्त की रात 12 बजे का समय आजादी के लिए तय किया था।
आधी रात को फहराया गया तिरंगा :
पंडित व्यास के कहे अनुसार ही तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने रात को 12 बजे लाल किले पर तिरंगा फहराया। इसके अलावा आधी रात को ही संसद भवन को धुलवाकर उसका शुद्धिकरण किया गया। इसके बाद बाकि औपचारिक कार्यक्रम सुबह किए गए।
जिन्ना ने नहीं मानी बात :
पंडित व्यास ने उस समय बताया था कि 14 अगस्त का दिन शुभ नहीं है और अगर इस दिन देश को आजादी मिली तो देश हमेशा अस्थिर रहेगा। लेकिन मोहम्मद अली जिन्ना इन सब चीजों को नहीं मानते थे। यही कारण है कि उन्होंने पाकिस्तान के गठन के लिए 14 अगस्त के दिन को ही चुना। हालांकि कहा जाता है कि जिन्ना की पत्नी रतनबाई की भी पंडित व्यास में गहरी आस्था थी, लेकिन उनकी मौत 1929 में ही हो गई थी।
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