जयंती : सुषमा स्वराज के वे पांच बड़े काम, जिनके जरिए उन्होंने लोगों के दिलों में बनाई खास जगह
राज एक्सप्रेस। आज देश की पूर्व विदेश मंत्री और भाजपा की कद्दावर नेता सुषमा स्वराज की 71वीं जयंती है। हिंदी की प्रखर प्रवक्ता रहीं सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को हरियाणा के अंबाला छावनी में हुआ था। साल 1970 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपनी राजनीति की शुरुआत करने वाली सुषमा स्वराज अपने जीवन में कई अलग-अलग पदों पर रहीं। लेकिन सुषमा स्वराज को सबसे ज्यादा उनके विदेश मंत्री के कार्यकाल के लिए याद किया जाता है। साथ ही सितंबर 2016 में संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में दिए हुए उनके ओजस्वी भाषण की विपक्षी नेताओं ने भी दिल खोलकर तारीफ की थी। ऐसे में आज हम सुषमा स्वराज के उन 5 महत्वपूर्ण कामों के बारे में बात करेंगे, जिनके जरिए उन्होंने लोगों के दिलों में एक खास जगह बनाई।
90 हजार लोगों की मदद की :
सुषमा स्वराज ने विदेश मंत्री रहते हुए करीब 90 हजार लोगों को मदद पहुंचाई। वह दूसरे देशों में फंसे कई भारतीयों को सकुशल वापस भारत लेकर आईं। खास बात यह है कि सुषमा स्वराज सिर्फ एक ट्वीट पर लोगों की मदद के लिए उपलब्ध रहती थीं। इराक में फंसी हुई नर्से हो या पाकिस्तान में रह रही गीता हो या फिर वहां की जेल में बंद हामिद निहाल अंसारी, ऐसे कई लोग हैं, जो सुषमा स्वराज की पहल पर वापस भारत आए।
कुलभूषण जाधव केस :
पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव को जब वहां की सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई तो सुषमा स्वराज ने बड़ा फैसला लेते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में चुनौती दी। आख़िरकार आईसीजे में भारत को सफलता मिली और उसने पाकिस्तान को इस मामले की समीक्षा करने के लिए कहा।
आसान हुआ पासपोर्ट बनाना :
पहले पासपोर्ट बनाने के लिए लोगों को कई दिनों तक भटकना पड़ता था। लेकिन सुषमा स्वराज ने विदेश मंत्री बनने के बाद पासपोर्ट बनवाने की पूरी प्रक्रिया को आसान बना दिया। उन्होंने सालों से होल्ड पड़ी फाइल की पेंडेंसी खत्म करके तीन महीने की समय सीमा तय कर दी। साथ ही ऑनलाइन आवेदन को आसान बना दिया और पुलिस वेरिफिकेशन की प्रक्रिया भी काफी सरल की।
संसद का लाइव प्रसारण :
आज हम संसद में होने वाली हर गतिविधि को लाइव टीवी पर देख सकते हैं तो इसका श्रेय सुषमा स्वराज को जाता है। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान सूचना और प्रसारण मंत्री रहते हुए सुषमा स्वराज ने संसद का लाइव प्रसारण शुरू करवाया था।
फिल्मी जगत को मिला उद्योग का दर्जा :
सुषमा स्वराज ने सूचना और प्रसारण मंत्री रहते हुए फिल्मी जगत को इंडस्ट्री का दर्जा दिलवाया था। फिल्म से जुड़े लोग कई सालों से इसकी मांग करते आ रहे थे। सुषमा स्वराज की वजह से फिल्म जगत को लोन लेने में आने वाली परेशानियों से मुक्ति मिली।
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