नई दिल्ली। कोरोना महामारी के मद्देनजर अपीलें दायर करने के लिए निर्धारित समय सीमा (लिमिटेशन पीरियड) बढ़ाने संबंधी आदेश उच्चतम न्यायालय एक अक्टूबर से वापस ले लेगा। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन ने गुरुवार को कहा कि कोविड के मद्देनजर अपीलें दायर करने को लेकर लिमिटेशन पीरियड संबंधी स्वत: संज्ञान वाला आदेश एक अक्टूबर से वापस ले लिया जाएगा। न्यायालय ने हालांकि संकेत दिया कि एक अक्टूबर के बाद 90 दिन की अतिरिक्त अवधि प्रदान की जाएगी।
न्यायालय ने कहा कि वह इस बारे में एक आदेश पारित करेगा, जिसमें शर्तें एवं दिशानिर्देश समाहित होंगे। न्यायमूर्ति रमन, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की खंडपीठ लिमिटेशन पीरियड बढ़ाने के मसले पर स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई कर रही थी। इससे पहले अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि अब स्थिति सामान्य हो गयी है और उनकी जानकारी में देश में कोई भी कंटेनमेंट जोन नहीं है। इस पर न्यायमूर्ति रमन ने कहा, ''हम इस बाबत अपना आदेश वापस ले सकते हैं।"
गौरतलब है कि कोरोना की पहली लहर में शीर्ष अदालत ने लिमिटेशन पीरियड को लेकर एक विशेष आदेश जारी किया था, ताकि अपील दायर करने में देरी के कारण वादियों को न्याय हासिल करने में दिक्कत न हो। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन के अध्यक्ष शिवाजी जाधव ने न्यायालय से आग्रह किया था कि वह तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर संबंधित आदेश को इस साल के अंत तक बढ़ा दिया जाना चाहिए, लेकिन मुख्य न्यायाधीश ने इससे मना कर दिया और कहा कि यदि तीसरी लहर आई तो फिर से आदेश जारी किया जाएगा।
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