दिल्ली, भारत। हाथरस कांड पर आज मंगलवार को देश की सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) में कई याचिका पर सुनवाई हुई, इस दौरान सुनवाई में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एसए बोबड़े ने इस केस शॉकिंग केस बताया है।
UP सरकार से 3 मुद्दों पर मांगा हलफनामा :
हाथरस कांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने से तीन मुद्दों 'गवाहों और परिवार की सुरक्षा, पीड़ित परिवार के पास वकील है कि नहीं और इलाहाबाद हाईकोर्ट का स्टेट्स क्या है' इस पर UP सरकार को हलफनामा दाखिल करने को कहा है।
अब अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को :
इसके साथ ही अब हाथरस मामले की सुनवाई अगले हफ्ते 12 अक्टूबर को होगी। तो वहीं, प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध एक जनहित याचिका की प्रतिक्रिया में प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय से हाथरस मामले में सीबीआई जांच का निर्देश देने का अनुरोध किया और कोर्ट को बताया कि, वह निष्पक्ष जांच में निहित स्वार्थों द्वारा उत्पन्न की जा रही बाधाओं से बचने के लिए सीबीआई जांच कराने का आदेश देने का अनुरोध कर रही है।
बता दें, सुनवाई की शुरुआत यूपी सरकार की ओर से दलील रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने की। उन्होंने कहा कि, ''हम इस याचिका का विरोध नहीं कर रहे, लेकिन समाज में जिस तरह से भ्रम फैलाया जा रहा है, हम उसके बारे में सच सामने लाना चाहते हैं। पुलिस और एसआईटी जांच चल रही है, इसके बावजूद हमने सीबीआई जांच की सिफारिश की है।''
सीजेआई एसए बोबड़े ने कहा- यह घटना बहुत ही असाधारण और चौंकाने वाली है। यही कारण है कि हम आपको सुन रहे हैं, लेकिन अन्यथा हमें यह भी नहीं पता है कि आप लोकस हैं या नहीं। हम यह नहीं कह रहे हैं कि यह चौंकाने वाला मामला नहीं है या कि हम मामले में आपकी भागीदारी की सराहना नहीं करते हैं, लेकिन कहना चाहते हैं कि याचिकाकर्ता का लोकस नहीं है।
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