अग्निपथ योजना के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं पर अब दिल्ली HC करेगा सुनवाई
दिल्ली, भारत। भारतीय सेना में नई भर्ती के लिए मोदी सरकार द्वारा लाई गई 'अग्निपथ योजना' को लेकर इस कदर विवाद गहराया हुआ है कि इस योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल हाे रही है। ऐसे में आज इन याचिकाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया गया है।
सुप्रीम कोर्ट का कहना :
दरअसल, अग्निपथ योजना के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि, ''अग्निपथ योजना के खिलाफ सभी याचिकाओं पर सिर्फ दिल्ली हाइकोर्ट ही सुनवाई करेगा। हाईकोर्ट के आदेश के बाद कोई सुप्रीम कोर्ट आ सकता है।'' साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अग्निपथ योजना के ख़िलाफ़ अपने पास लंबित तीनों याचिकाओं को भी दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए ट्रांसफर कर दिया गया है।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले सरकार की तरफ से कहा गया कि, ''कई हाईकोर्ट में इसे चैलेंज किया गया है।'' इस दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा-
दिल्ली हाई कोर्ट में भी याचिका दाखिल की गई है और हम चाहते हैं कि, सभी को एक साथ सुना जाए। अग्निपथ योजना के खिलाफ अलग-अलग हाईकोर्ट में 6 याचिकाएं दायर हुई हैं।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता
जस्टिस चंद्रचूड़ ने दिया यह जवाब-
आप एक ट्रांसफर पीटिशन दायर करिए...हम हाईकोर्ट को सभी याचिकाएं सुनवाई करने को भेज देंगे।
जस्टिस चंद्रचूड़
इसके अलावा अग्निपथ योजना की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली जनहित याचिका की दलीलों का जवाब देते हुए जस्टिस चंद्रचूड ने हल्के-फुल्के अंदाज में यह बात भी कही है कि, "आप 'वीर' हो सकते हैं, लेकिन आप 'अग्निवीर' नहीं हैं।"
गौरतलब है कि, एक याचिकार्ता का यह कहना है कि, अग्निपथ योजना के खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ही करे, क्योंकि लगातार कई राज्यों में याचिकाएं दाखिल की जा रही है। याचिकाकर्ता एमएल शर्मा ने कहा कि, ''अदालत हमें यहां सुन ले''। तो वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ”जिन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, हम उन्हें सुनकर ही मामला स्थानांतरित करेंगे।''
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