ज्ञात-अज्ञात हुतात्माओं का सर्वेक्षण करेगा विद्यार्थी परिषद
दिल्ली, भारत। देश के स्वाधीनता संघर्ष में असंख्य वीर, वीरांगना, सेनानियो की सहभागिता रही, इनमें से आज कुछ ही लोगों का इतिहास में उल्लेख मिलता है, अनेकों ऐसे स्वातंत्र्य समर के योद्धा है, जिनका इतिहास में कहीं भी उल्लेख नहीं है या इतिहास को गलत बताने का प्रयास किया गया। स्वाधीनता के इस अमृत वर्ष में अभाविप ऐसे सभी वीरों के बलिदान को जन-जन के सामने लाने का प्रयास करेगा।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्यभारत प्रांत मंत्री ने बताया :
इस संबंध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्यभारत प्रांत मंत्री आयुष पाराशर ने जानकारी देते हुए बताया कि, परिषद ज्ञात-अज्ञात हुतात्माओं के सर्वेक्षण करने जा रही है, जिसमें विभिन्न गांव, नगरों में पहुंचकर कार्यकर्ताओं द्वारा ऐसे क्रांतिकारी, स्वातंत्र्य सेनानियों का सर्वेक्षण किया जाएगा, जिनके स्वतंत्रता संग्राम में योगदान का उल्लेख इतिहास में नहीं मिलता है।
11 से 15 फ़रवरी 2023 में किया जाएगा सर्वेक्षण :
अखिल भारतीय स्तर पर चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत अखिल भारतीय विधार्थी परिषद, मध्यभारत द्वारा यह सर्वेक्षण 11 से 15 फ़रवरी 2023 में किया जाएगा। मध्यभारत गाँव, नगर, बस्ती तक पहुँच कर जो भी ज्ञात-अज्ञात हुतात्माएं है, उनकी जानकारी एकत्रित कर उनके वर्तमान परिवारजन से भी संपर्क किया जाएगा। इसके बाद 23 मार्च, 2023 को अखिल भारतीय स्तर पर ऐसे ज्ञात अज्ञात हुतात्माओं के परिवारजानो को दिल्ली में सम्मानित किया जाएगा।
स्वाधीनता संघर्ष भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना :
बता दें कि, देश का स्वाधीनता संघर्ष भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना है। यह संघर्ष 1857 से 1947 तक चला, जिसमें भारतीयों ने अपने स्वतंत्रता के लिए प्रतिद्वंद्वी ब्रिटिश शासन से लड़ा। इस संघर्ष के दौरान, ब्रिटिश सरकार ने बहुत सी कुशलताओं और अपमानों के माध्यम से भारतीयों पर शासन करने की कोशिश की, लेकिन भारतीयों ने अपने स्वतंत्रता के लिए लड़ाई जारी रख अंग्रेजों से मुक्ति प्राप्त की थी और 15 अगस्त 1947 को, भारत अंग्रेजों के शासन से मुक्त हुआ और एक स्वतंत्र देश बना। इस घटना के बाद, भारत एक लोकतंत्र बन गया।
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