नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बर्लिन स्पेशल ओलंपिक विश्व खेलों में 202 पदक जीतकर स्वदेश लौटी भारतीय टीम का स्वागत करते हुए मंगलवार को कहा कि उनके प्रदर्शन ने विश्व पटल पर देश का मान बढ़ाया है।
पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने टीम के स्वागत समारोह में कहा, ''मैं सभी पदक विजेताओं को बधाई देता हूं। आप सभी ने भारत का मान विश्व पटल पर बढ़ाया है। आज पूरा भारत आप सभी पर गर्व करता हैं। आपके प्रदर्शन ने विश्व खेलों पर अमिट छाप छोड़ी है।''
भारतीय एथलीटों ने 17 से 25 जून के बीच आयोजित हुए ग्रीष्मकालीन विश्व खेलों में 76 स्वर्ण, 75 रजत और 51 कांस्य पदक हासिल किए। भारत ने सर्वाधिक पदक (31) रोलरस्केटिंग में जीते। भारत सर्वाधिक पदक जीतने वाले देशों की सूची में जर्मनी के बाद दूसरे स्थान पर रहा।
रामनाथ कोविंद ने एथलीटों को संबोधित करते हुए कहा, ''आपने दिखाया है कि अक्षमता कभी सफलता के रास्ते नहीं आती। आप में से हर कोई इस बात का ज्वलंत उदाहरण है कि जब हम अपनी परिस्थितियों के दायरे से उठकर आगे बढ़ते हैं तो सब कुछ हासिल किया जा सकता है। आज जब मुझे पता चला को 180 देशों में भारत दूसरे स्थान पर रहा, तो मैंने आशा जताई कि हमारा देश आगामी स्पेशल ओलंपिक में शीर्ष पर रहे।''
उन्होंने कहा, ''आपने हमें सामाजिक बाधाओं को तोडऩे और एक अधिक समावेशी विश्व बनाने के लिए प्रेरित किया है, जहां हर व्यक्ति को बराबर सम्मान दिया जाता है। मुझे विश्वास है कि यहां आपकी जीत आपको जीवन में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित करेगी।''
रामनाथ कोविंद ने स्पेशल ओलंपिक भारत की अध्यक्ष मल्लिका नड्डा को भी बधाई दी। उन्होंने कहा, ''मैं मल्लिका नड्डा जी को बधाई देना चाहूंगा, जिन्होंने इन एथलीटों को निस्वार्थ भाव के साथ तैयार किया ताकि ये आज अपने पैरों पर खड़े हो सकें। विश्व खेलों में एथलीटों की उपलब्धियां सदा हमारे दिमाग पर छपी रहेंगी।''
इस अवसर पर पूर्व क्रिकेटर और सांसद गौतम गंभीर, केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल और सांसद मनोज तिवारी भी उपस्थित रहे। गंभीर ने पदक विजेताओं को बधाई देने के साथ साथ उन एथलीटों का भी अभिनंदन किया जिन्होंने विश्व खेलों में 140 करोड़ भारतीयों का प्रतिनिधित्व किया।
सांसद गंभीर ने कहा, ''मैं उन्हें बधाई देना चाहता हूं जिन्होंने पदक जीते, लेकिन मैं उन्हें भी बधाई देना चाहता हूं जो पदक नहीं जीत सके लेकिन 140 करोड़ भारतीयों का प्रतिनिधित्व किया। पदक जीतना आसान है, 140 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करना मुश्किल। मैं खुद एक क्रिकेटर होने के नाते यह जानता हूं।''
उन्होंने कहा, ''मैं स्पेशल ओलंपिक भारत की अध्यक्ष मल्लिका नड्डा को टीम को सफलता के लिए बधाई देता हूं। वह हमेशा स्पेशल ओलंपिक के लिए उत्साहित रही हैं। मुझे उम्मीद है कि जल्द ही स्पेशल ओलंपिक को सिर्फ ओलंपिक कहा जायेगा क्योंकि आप लोग भी किसी अन्य एथलीट जितनी ही मेहनत करते हैं।''
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