कौन थे कवि कम्बर जिनकी लिखी रामायण के छंद PM मोदी ने सुने, 12 वीं शताब्दी में लिखी गई थी Kamba Ramayanam

Who was Tamil Poet Kamban : तमिल संस्कृति में कंबा रामायण का महत्त्व है यह महर्षि वाल्मीकि द्वारा संस्कृत में लिखी गई रामायण से प्रेरित है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Kamba Ramayanam के छंद सुनते हुए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Kamba Ramayanam के छंद सुनते हुएRaj Express
Published on
Updated on
2 min read

हाइलाइट्स :

  • कवि क़म्बर के नाम का डाक टिकट साल 1966 में जारी हुआ था।

  • कुलोत्तुंग चोल - 3 ने कवि क़म्बर को दी थी कविचक्रवर्ती की उपाधि।

  • क़म्बर का जन्म मयिलादुथुराई जिले के ठेराजेंदुर गाँव में हुआ था।

तमिलनाडु। प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने शनिवार को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली के प्रसिद्द श्री रंगनाथस्वामी मंदिर दर्शन किये। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। इस मंदिर में बैठकर पीएम मोदी ने प्राचीन रामायण के छंद सुने। यह छंद, कंबा रामायण से लिए गए थे जिसे 12 वीं शताब्दी में लिखा गया था। कवि कम्बर जिन्हे कविचक्रवर्ती कंबन भी कहा जाता है, के द्वारा यह रामायण लिखी गई थी। इस रामायण का नाम उन्ही के नाम पर रखा गया। जानते हैं कवि कम्बर के बारे में विस्तार से...।

तमिलनाडु और तमिल संस्कृति में कंबा रामायण का महत्त्व है। दरअसल Kamba Ramayanam, संस्कृत रामायण जिसे महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखा गया था, से प्रेरित है हालांकि अवतार और कथानक की बारीकियों में यह ग्रन्थ मूल रचना से कुछ भिन्न है। 12 वीं शताब्दी में कवि क़म्बर ने इसे अपने पिता पन्नई वंश के तिरुवेल्लई नल्लूर सदयप्पा वल्लल के संरक्षण में लिखा था।

कौन थे कवि क़म्बर :

12 वीं शताब्दी में तमिल में रामायण लिखने वाले कवि क़म्बर का काल 1180 से 1250 माना जाता है। कवि क़म्बर का जन्म तमिलनाडु के मयिलादुथुराई जिले के कुथलम में स्थित एक गाँव ठेराजेंदुर में हुआ था। उनके पिता सदयप्पा वल्लल एक धनी किसान थे। माना जाता है कि, क़म्बर बचपन से ही अद्भुत प्रतिभा के धनी थे। उनकी प्रतिभा को देखते हुए चोल वंश के शासक कुलोत्तुंग चोल तृतीय ने उन्हें कविचक्रवर्ती की उपाधि दी थी।

श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में किया था पहली बार पाठ :

इस रामायण की प्रस्तुति सर्वप्रथम तमिलनाडु की आस्था का केंद्र श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में ही दी गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसी स्थान पर बैठकर इस रामायण के छंदों को सुना जहाँ कभी कवि क़म्बर द्वारा बैठकर इसकी प्रस्तुति दी गई थी। बता दें कि, कवि क़म्बर के नाम का डाक टिकट साल 1966 में जारी किया गया था।

कवि क़म्बर डाक टिकट
कवि क़म्बर डाक टिकटRaj Express

मूल रामायण से कैसे अलग है Kamba Ramayanam :

तमिल कवि क़म्बर द्वारा लिखी गई रामायण में मूल रामायण से बहुत कुछ अलग लिखा गया है। इस रामायण में पहले रावण युद्ध, बाद में कुंभकर्ण से युद्ध, उसके बाद नाग पाश का वर्णन आता है। Kamba Ramayanam में सबसे अंत में रावण वध आतें हैं। युद्ध का वर्णन करते हुए कवि क़म्बर ने लिखा है कि, राम-रावण युद्ध में रावण के रथ, अश्व, किरीट, धनुष, बाण आदि सब कुछ श्रीराम द्वारा नष्ट कर दिया गया इसके बाद श्री राम ने अकेले खड़े शत्रु रावण से युद्ध करने से मना कर दिया। श्री राम ने रावण से कहा कि, धर्म के सिवा अधर्म से देवता भी युद्ध नहीं जीत सकते। मैं तुम्हारा वध कर सकता, लेकिन तुम निहत्थे और अकेले खड़े हो पहले जाकर अपने परिवारजनों, सेना और अस्त्र लेकर आओ। इसके बाद रावण युद्ध में अस्त्र और सेना समेत अपने परिवार को लाता है।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com