कांग्रेस नहीं देवगौड़ा सरकार ने कर्नाटक में मुस्लिमों को दिया OBC Reservation
साल 1995 में देवगौड़ा की जनता दल सरकार ने दिया था आरक्षण
1977 से मुस्लिम समाज पिछड़ा वर्ग सूची में शामिल है
Karnataka OBC Reservation : प्रधानमंत्री मोदी सहित भाजपा के कई बड़े नेताओं ने कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के खिलाफ हमला बोलते हुए आरोप लगाया था कि कांग्रेस सरकार ने पिछड़े वर्गों के लिए मिलने वाले सभी आरक्षण मुसलमानों को दे दिए हैं। अब एक मीडिया ग्रुप द्वारा किये फैक्ट चेक में खुलासा किया गया कि कर्नाटक में OBC Reservation के तहत मुसलमानों के लिए आरक्षण एचडी देवेगौड़ा की जनता दल की सरकार ने साल 1995 द्वारा लागू किया गया था। हालाँकि, मुसलमानों को 1977 से पिछड़ा वर्ग सूची में शामिल किया गया है।
फैक्ट चेक में क्या खुलासा हुआ :
फैक्ट चेक बताया गया कि साल 1995 में, देवेगौड़ा सरकार ने कर्नाटक में मुसलमानों को ओबीसी कोटा (OBC Reservation) के भीतर एक विशिष्ट वर्गीकरण, 2बी के तहत चार प्रतिशत आरक्षण दिया था। जनता दल की सरकार के 14 फरवरी, 1995 के एक आदेश में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि यह निर्णय चिन्नप्पा रेड्डी आयोग (Chinnappa Reddy Commission) की रिपोर्ट के विचारों और समग्र आरक्षण को 50 प्रतिशत तक सीमित करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करता है।
आयोग की रिपोर्ट के आधार पर वीरप्पा मोइली (मुख्यमंत्री 1992-1994) के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने 1994 के एक आदेश के माध्यम से मुसलमानों, बौद्धों,ईसाई और अनुसूचित जाति में धर्मांतरित लोगों के लिए "अधिक पिछड़े" (More Backward) के रूप में पहचानी जाने वाली श्रेणी 2बी (2B) में छह प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की। आरक्षण 24 अक्टूबर 1994 से लागू होने वाला था जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट से मिली हरी झंडी, एचडी देवेगौड़ा ने किया लागू :
9 सितंबर, 1994 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अंतरिम आदेश में कर्नाटक सरकार को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी सहित कुल आरक्षण को 50 प्रतिशत तक सीमित करने का निर्देश दिया था। हालाँकि, आदेश लागू करने से पहले ही वीरप्पा मोइली की कांग्रेस सरकार गिर गई। इसके बाद दिसंबर 1994 को एचडी देवेगौड़ा मुख्यमंत्री बने जहां 14 फरवरी 1995 को उन्होंने पिछली सरकार के कोटा फैसले को सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम फैसले के मुताबिक संशोधनों के साथ लागू किया।
ईसाई धर्म और बौद्ध धर्म में परिवर्तित होने वाले एससी, जिन्हें पहले 2 बी के तहत वर्गीकृत किया गया था, उन्हें उसी क्रम में क्रमशः श्रेणी 1 और 2 ए में पुनर्वर्गीकृत किया गया था। 2बी कोटा के तहत, शैक्षणिक संस्थानों और राज्य सरकार की नौकरियों में चार प्रतिशत सीटें मुसलमानों के लिए आरक्षित थीं।
मुसलमानों को 1977 से पिछड़ा वर्ग सूची में किया गया है शामिल :
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री देवराज उर्स (1972-1973) की इंदिरा गांधी वाली कांग्रेस सरकार के कानून मंत्री एलजी हवानूर (LG Havanur) की अध्यक्षता में प्रथम पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया गया था। साल 1975 में हवानूर आयोग ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौपी थी। सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में मुसलमानों को आरक्षण के लिए पिछड़ा वर्ग के रूप में मान्यता दी गई थी। रिपोर्ट की सिफारिशों के आधार पर, मुसलमानों को पिछड़े समुदायों के तहत वर्गीकृत किया गया था और मुसलमानों सहित पिछड़े वर्ग को आरक्षण प्रदान करने के लिए मार्च 1977 में एक आदेश जारी किया गया था। मई 1979 में जारी एक आदेश के अनुसार मुसलमानों को पिछड़ा समुदाय समूह में रखा गया।
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