लद्दाख में ऑल इस नॉट वेल : आखिर क्यों -40 डिग्री में अनशन करने पर मजबूर हैं वांगचुक
Sonam Wangchuk on Hunger Strike : आपने अक्सर लोगों को अपनी किसी मांग को लेकर अनशन पर बैठे देखा होगा। हालांकि, अनशन ज्यादातर लोग तब ही करते हैं। जब उनकी मांग किसी हित कार्य के लिए होती है। इन दिनों लद्दाख के समाज सुधारक सोनम वांगचुक अनशन को लेकर काफी चर्चा में हैं। वह लद्दाख को बचाने की अपील करते हुए -40 डिग्री में अनशन पर बैठने की बात कहते नज़र आए हैं। चलिए, जानें आखिर मामला क्या है और सोनम वांगचुक की मांग क्या है ? और कौन हैं यह सोनम वांगचुक ?
अनशन पर बैठे सोनम वांगचुक :
दरअसल, लद्दाख के समाज सुधारक सोनम वांगचुक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लद्दाख को बचाने की अपील करते हुए अनशन पर बैठने की बात कर रहे हैं। उन्होंने यह अनशन धारण करने की बात इसलिए कही है क्योंकि, एक स्टडी से यह बात सामने आई है कि, लद्दाख में लगभग दो तिहाई ग्लेशियर विलुप्त होने की कगार पर हैं। लद्दाख की जनजातियों, उद्योगों और ग्लेशियर को लेकर उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया है। इस वीडियो में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से लद्दाख के हित में हाई लेवल पर एक्शन लेने की मांग कर रहे हैं। वीडियो में सोनम वांगचुक कह रहे है कि,
'PM मोदी का ध्यान लद्दाख की तरफ लाने के लिए 26 जनवरी से 5 दिन के लिए अनशन करने वाले हैं। उनका अनशन -40° टेम्प्रेचर वाले खार्दुंगला में होगा। PM मोदी से मेरी अपील है कि लद्दाख और अन्य हिमालयी क्षेत्रों को औद्योगिक शोषण से बचाएं, क्योंकि यह लद्दाख के लोगों के जीवन पर असर डालेगा। आपका ध्यान इस तरफ ला सकूं, इसके लिए मैं गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी से 5 दिन के अनशन पर बैठ रहा हूं। अगर -40° टेम्प्रेचर वाले खार्दुंगला में अनशन के बाद मैं बच गया तो आपसे फिर मिलूंगा। अगर लद्दाख में लापरवाही जारी रही, लद्दाख को उद्योगों से सुरक्षा नहीं दी गई, तो यहां के ग्लेशियर विलुप्त हो जाएंगे। क्योंकि उद्योगों के कारण यहां पानी की कमी हो जाएगी। लद्दाख के लोग 5 लीटर प्रतिदिन के हिसाब से पानी में गुजारा करते हैं। अगर यहां सैकड़ों उद्योग लगे, माइनिंग हो तो धूल और धुएं से ग्लेशियर खत्म हो जाएंगे।'
सोनम वांगचुक
क्लाइमेट फास्ट का ट्रायल :
सामने आई जानकारी के अनुसार, कश्मीर यूनिवर्सिटी और दूसरे रिसर्च ऑर्गनाइजेशन के हालिया रिसर्च का दावा है कि, अगर लद्दाख पर ध्यान नहीं दिया जाता है तो लेह-लद्दाख में दो तिहाई ग्लेशियर समाप्त हो जाएंगे। इतना ही नहीं सोनम वांगचुक फयांग में 11,500 फीट की ऊंचाई पर बने अपने इंस्टीट्यूट हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स की छत पर क्लाइमेट फास्ट का ट्रायल भी किया। जिसका प्रमाण उन्होंने एक वीडियो के माध्यम से शेयर किया है। इस वीडियो में उनके सिर के पास एक टेम्प्रेचर डिवाइस रखी है। जिसमें -16 डिग्री तापमान दिखाई दे रहा है। इतना ही नहीं वह उस वीडियो में यह कहते हुए नज़र आ रहे हैं कि , 'यहां ठंड बहुत है, लेकिन मैं जिंदा हूं।'
कौन हैं सोनम वांगचुक ?
जानकारी के लिए बता दें, सोनम वांगचुक वही व्यक्ति है, जिनके जीवन पर आधारित फिल्म '3 इडियट्स' साल 2009 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में आमिर खान उर्फ़ पुनसुख वांगडू का रोल वांगचुक के व्यक्तित्व से प्रभावित होकर बनाया गया था। उनका जन्म 1966 में हुआ था। उन्हें एक मैकेनिकल इंजीनियर और हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख (HIAL) के निदेशक के तौर पर भी जाना जाता हैं। उन्हें साल 2018 में मैगसेसे अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। इन्हें लद्दाख में अपने स्कूल, स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) के लिए भी जाना जाता हैं। इसका पूरा कैम्पस सौर ऊर्जा के माध्यम से ही चलता है। किसी भी कार्य के लिए जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल नहीं किया जाता।
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