हरित क्रांति के जनक व महान कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन अलविदा
हाइलाइट्स :
महान कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन का निधन
तमिलनाडु के चेन्नई में स्वामीनाथन ने ली अंतिम सांस
डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के वैज्ञानिक थे एम एस स्वामीनाथन
दिल्ली, भारत। आज 28 सितंबर को एक दुखद खबर सामने आई है कि, देश में हरित क्रांति के जनक कहे जाने वाले महान कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन (MS Swaminathan) दुनिया को अलविदा कह चले है।
चेन्नई में सुबह अंतिम सांस ली :
फादर ऑफ ग्रीन रिवॉल्यूशन कहे जाने वाले महान कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन का निधन आज गुरुवार को 98 साल की उम्र में लंबे समय से बीमार रहने के चलते हुआ। उन्होंने तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में सुबह 11.20 बजे अंतिम सांस ली है।
काफी समय से उम्र संबंधी बीमारी का इलाज किया जा रहा था :
एम एस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन के सूत्रों की ओर से जानकारी देते हुए यह बताया गया है कि, मशहूर कृषि वैज्ञानिक का काफी समय से उम्र संबंधी बीमारी का इलाज किया जा रहा था। स्वामीनाथन अपने पीछे तीन बेटियों को छोड़ गए हैं।
काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च के अध्यक्ष के तौर पर किया कार्य :
भारत के महान कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन का जन्म 7 अगस्त, 1925 को हुआ था। वे डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के वैज्ञानिक थे, जिन्होंने 1972 से लेकर 1979 तक 'इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च' के अध्यक्ष के तौर पर कार्य किया। भारत के महान कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन ने धान की ऐसी किस्म को तैयार किया, जिसने भारत के कम आय वाले किसानों को ज्यादा धान पैदा करने के काबिल बनाया।
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