बंगाल हिंसा: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के के नतीजे आने के बाद इस राज्य में जमकर हिंसा भड़की थी जिसके बाद अब इस पर कानूनी लड़ाई लड़ी जा रही है। आज 25 मई को इसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।
बंगाल और केंद्र सरकार को भेजा नोटिस :
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट द्वारा बंगाल में हिंसा के कारण एक लाख से ज़्यादा लोगों के पलायन के मामले पर याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला लिया है एवं पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार और केंद्र सरकार को इस मामले पर नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। साथ ही जस्टिस विनीत शरण और जस्टिस बीआर गवई की हॉलीडे बेंच द्वारा याचिकाकर्ता के वकील प़िकी आनंद की मांग पर राष्ट्रीय महिला आयोग और SC/ST आयोग को भी पक्षकार बनाने की मंजूरी दी है।
अब 7 जून को होगी अगली सुनवाई :
सुप्रीम कोर्ट में अब बंगाल चुनावी हिंसा मामले को लेकर सुनवाई की अगली तारीख भी तय हुई हैै अब इस मामले पर 7 जून को सुनवाई होगी।
याचिका में कही गई ये बात :
यह भी बताते चलें कि, सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई याचिका सामाजिक कार्यकर्ता और पीड़ित परिवारों की तरफ से लगाई गई है, जिसमें कहा गया है कि, ''राज्य प्रायोजित हिंसा के कारण पश्चिम बंगाल में लोगों का पलायन एक गंभीर मानवीय मुद्दा है। यह लोगों के अस्तित्व का मामला है, इन लोगों को दयनीय परिस्थितियों में रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जो भारत के संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत नागरिकों को मिले मौलिक अधिकार का साफतौर पर उल्लंघन है।''
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा के कारण 1 लाख से ज़्यादा लोगों के पलायन की बात के अलावा विस्थापित व्यक्तियों के पुनर्वास के लिए आयोग बनाने एवं मामले की जांच SIT के कराने और लोगों को सुरक्षा देने की मांग की गई थी। राज्य प्रायोजित हिंसा को समाप्त करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ निर्देश देने की मांग की थी।
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