राज एक्सप्रेस। बीते कुछ महीनों पहले देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर काफी बावल मच रहा था। मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा CAA के खिलाफ काफी विरोध प्रदर्शन भी किये जा रहे थे। उसी दौरान दिल्ली में काफी दिन तक हिंसा का माहौल रहा था। इतना ही नहीं इस दौरान 50 से ज्यादा लोगों को अपनी जान तक गवानी पड़ी थी। उस समय जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में भी काफी प्रदर्शन हुए। इस मामले में जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी की सदस्य सफुरा जरगर को गिरफ्तार कर लिया गया था, परंतु अब उन्हें जमानत मिल गई है।
सफुरा जरगर को मिली जमानत :
जी हां, दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा सुनवाई के दौरान जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी की सदस्य सफुरा जरगर को जमानत दे दी गई है। दरअसल, दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के के चलते भड़की हिंसा में पुलिस ने सफुरा को हिंसा का आरोप लगने पर गिरफ्तार किया था। सफुरा के खिलाफ UAPA के तहत कार्रवाई की गई थी। हालांकि, सफुरा की जमानत अर्जी पर केंद्र सरकार ने मानवीयता के आधार पर विरोध को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इसके अलावा सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना है कि, सफुरा को हाई कोर्ट ने जमानत देकर छोड़ा है इस पर राज्य को कोई समस्या नहीं है, लेकिन हां, अब वह उन गतिविधियों में फिरसे शामिल न हो, जिनके लिए उन्हें काफी उकसाया जा रहा है।
हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला :
सफुरा को लेकर केंद्र सरकार की पूरी बात जानने बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया कि, सफुरा जरगर को 10 हजार रुपये के प्राइवेट बांड और कई अन्य शर्तों के व्यक्तिगत बांड भरकर जमानत दी जाती है। हालांकि, इससे पहले जब सफुरा की जमानत की बात उठी थी तब दिल्ली पुलिस ने इसका विरोध किया था। बताते चलें, दिल्ली पुलिस के पक्ष से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी ने हाई कोर्ट में सोमवार को स्टेटस रिपोर्ट दायर की है।
मानवीयता के आधार पर जमानत देने पर आपत्ति नहीं :
दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस का कहना है कि, सफुरा को हाई कोर्ट से जमानत सिर्फ इसलिए नहीं मिलना चाहिए थी क्योंकि वह गर्भवती है। उनके खिलाफ पुलिस के पास पर्याप्त सबूत हैं। सबूत होने के बावजूद उन्हें जमानत देना उचित है क्या ? वहीं। इस मामले में केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि, सफुरा को मानवीयता के आधार पर जमानत दी गई है, जिससे हमें कोई आपत्ति नहीं है। बताते चलें, सफुरा जरगर को दिल्ली में हिंसा भड़काने को लेकर दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था और उन्हें 25 जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
दिल्ली पुलिस का कहना :
वहीं, दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट में अपनी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करते हुए कहा है कि, सफुरा से जुड़े मामले पर अभी भी जांच चल रही है।
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