Ramayan Epic Series: जानिए कैसे लिखी एशियाई देशों ने अपनी नई रामायण, विभिन्न देशों में विविध संस्करण
राज एक्सप्रेस। रामायण, ऋषि वाल्मीकि जी द्वारा लिखित भारत का एक ऐसा महाकाव्य है, जिसकी घटनाएं, जिसकी कहानी, जिसके पात्र आदि हम मनुष्यों को जीवन जीने का असल सार समझाते है। रामायण महाकाव्य मनुष्यों को बताता है कि कैसे बुराई चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हो वह अच्छाई के सामने हार ही जाती है। रामायण के द्वारा हमे प्रभु श्री राम के व्यक्तित्व का भी पता लगता है कि कैसे भगवान विष्णु के अवतार और अयोध्या के राजकुमार एवं राजा रहते हुए भी उन्होंने अपना जीवन सत्य और सादगी के नाम कर दिया था। रामायण महाकाव्य में उल्लेखित हर पात्र से हमे कुछ न कुछ सीखने को मिलता है, तो जब इस काव्य में बात एक धर्म की नहीं मनुष्यों की हो रही हो तो इस बड़े महाकाव्य की कहानी महज एक देश तक सीमित कैसे रह सकती है?
जी हां, वाल्मीकि जी द्वारा रचित रामायण महाकाव्य दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में एक अलग ही संस्करण है। कुछ देशों ने अपनी नई रामायण लिखी, कुछ ने पात्रों और जगहों के नाम बदले तो कुछ ने तो पूरी कहानी ही बदलकर रख दी। इस लेख के द्वारा रामायण काव्य को लेकर एक नई श्रृंखला की शुरुआत हो रही है जिसमे ऋषि वाल्मीकि जी की रामायण को नींव मानकर कैसे अन्य देशों ने महाकाव्य के अलग-अलग संस्करण लिखे।
गौर करने वाली बात यह है कि इसमें से बहुत से ऐसे भी संस्करण है जिसमे इस्लाम का प्रभाव भी दिखता है, क्योंकि इनमें कुछ ऐसे देश भी है जिनने बाद में जाकर इस्लामिक राजाओं ने शासन किया और उस विशिष्ठ देश की संस्कृति और साहित्य में बहुत सी तब्दीलियां आई। तो चलिए सबसे पहले जानते है दो देशों में रामायण के संस्करण में उल्लेखित कहानियों के बारे में...
थाईलैंड– द रामाकियन (The Ramakien)
थाईलैंड देश की राष्ट्रीय भाषा थाई में लिखित "द रामाकियन", ऋषि वाल्मीकि जी की रामायण का थाई संस्करण है, जिसे सन 1797 में थाईलैंड के राजा राम प्रथम द्वारा संकलित किया गया था। ’द रामाकियन’ का अर्थ होता है प्रभु राम की महिमा। ’द रामाकियन’ का अंग्रेजी अनुवाद लेखक जे. एम कैडेट द्वारा सन 1971 में किया गया था, जिन्होंने पूरे हिस्से का संकलन कर पुस्तक प्रकाशित की थी। साल 1984 में जे. एम कैडेट की पुस्तक और रामायण पर थाई फिल्म बनी थी, जिसका नाम था एक कुलीन युद्ध (The Noble War)। यह थाई रामायण, थाईलैंड के संस्कृति और साहित्य का अभिन्न अंग है जिसमे थाईलैंड के समाज के अनुरूप कहानी, पात्रों और जगहों के नाम जैसे कई चीजों को बदला भी गया है।
ऋषि वाल्मीकि जी की रामायण और थाई रामायण में अंतर
नाम में बदलाव:
भगवान विष्णु – फ्रा नरई (Phra Narai)
ब्रह्मदेव – फ्रा फ्रोम (Phra Phrom)
प्रभु राम – फ्रा राम (Phra Ram)
माता सीता – नंग सीडा (Nang Sida)
विभीषण – फिफलेक (Phiphlek)
रावण – थोटसाकन (Thotsakan)
लक्ष्मण – फ्रा लक (Phra Lak)
घटनाएं और कहानी में बदलाव :
मां सीता को बताया गया रावण की बेटी।
रावण के चरित्र मे किए गए कई बदलाव।
भगवान हनुमान को नहीं बताया बाल ब्रह्मचारी।
रावण की मौत में किया गया बदलाव, नाभि में अमृत के बजाए थाई रामायण में रावण अपने हृदय को निकालकर अपने एक उपदेशक को देता है, जिसके बाद भगवान हनुमान उस उपदेशक से जैसे तैसे रावण के हृदय को हासिल करते है, और जैसे प्रभु राम रावण को अपनी बाण की बारिश से घायल करते है वैसे ही भगवान हनुमान रावण के हृदय को रोंद देते है जिससे रावण की मृत्यु होती है।
मलेशिया– हिकायत सेरी रामा (Hikayat Seri Rama)
रामायण का यह संस्करण सबसे ज्यादा विवादित बताया जाता है क्योंकि बहुत से ऐसे बदलाव किए गए है जिससे हिंदू धर्म के लोगों की भावनाएं आहत होती है। मलेशिया देश की राष्ट्रीय भाषा मलय में लिखित 'हिकायत सेरी रामा', वाल्मीकि रामायण का मलेशियाई संस्करण है जो 16वीं शताब्दी में सबसे ज्यादा चर्चित हुआ था। मलय रामायण के संस्करण का अंग्रेजी अनुवाद हैरी एवलिंग ने किया था। 18वीं शताब्दी आते-आते इस रामायण का इस्लामीकरण हो गया था, क्योंकि मलेशिया में इस्लाम धर्म का दबदबा और शासन चरम पर हो चुका था, 16वीं शताब्दी में लिखी गई मलय रामायण में कई पात्रों को इस्लाम के महत्पूर्ण व्यक्तियों और पैगंबरों से बदला गया था।
यह महाकाव्य मलेशिया की मलय भाषा, संस्कृति और साहित्य का अभिन्न अंग बताया जाता है। 'हिकायत सेरी रामा' का अर्थ होता है महान राम का इतिहास। 1991 में मलय भाषा में हिकायत सेरी रामा पर फिल्म भी बनाई गई थी जिसका नाम था "नान ओरु मलेशियन"। मलेशिया में भी वाल्मीकि रामायण को मलय संस्कृति और समाज के हिसाब से और इस्लामिक राजवंश के दबदबे की वजह से कई जगह, पात्र और घटनाओं को बदला गया है।
ऋषि वाल्मीकि जी की रामायण और हिकायत सेरी रामा में विभिन्नता:
नाम में बदलाव:
प्रभु राम – सेरी रामा (Seri Rama)
मां सीता – सीती डेवी (Siti Dewi)
लंका – लंगाकापुरी
भगवान हनुमान – हनोमान (Hanoman)
लक्ष्मण – लक्समाना (Laksmana)
कहानी में बदलाव और सबसे ज्यादा विवादस्पद रामायण संस्करण होने का बड़ा कारण:
मलेशियन रामायण के कुछ संस्करणों में अल्लाह को बताया गया एक मात्र देवता।
राजा दशरथ को बताया गया पैगंबर नबी जी का महान पुत्र।
लक्ष्मण को बताया गया प्रभु राम से ज्यादा बलशाली और बुद्धिमान।
दशरथ की मंदोदरी से भी हुई थी शादी।
मंथरा और कैकेई के षड्यंत्र का कोई जिक्र नहीं।
मंदोदरी तो बताया गया भगवान विष्णु की पत्नी का लक्ष्मी का अवतार।
प्रभु राम और माता सीता अप्रत्यक्ष रूप से भाई बहन बतलाए गए।
भगवान हनुमान को बताया गया प्रभु राम और माता सीता का पुत्र।
भाषावादी, कवि और विद्वान ए.के रामानुजन के अनुसार रामायण के विश्व में लगभग 300 से ज्यादा संस्करण है। रामायण के वैसे तो भारत में भी बहुत से अलग-अलग संस्करण हमें पढ़ने को मिल जाएंगे जिसमे बहुत बदलाव किए गए है, लेकिन एक नाम जो कभी नहीं बदला और हमेशा स्थिर रहा वो था प्रभु श्री राम और मां सीता का नाम। इस लेख में सिर्फ 2 देशों के संस्करणों की जानकारी दी गई है, रामायण महाकाव्य की जानकारी की ये श्रृंखला आगे भी जारी रहेगी।
पढ़े लेख का दूसरा भाग:
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