पुणे: राजनाथ सिंह ने गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ी के नाम एक स्टेडियम का किया उद्घाटन

पुणे में राजनाथ सिंह ने गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ी के नाम एक स्टेडियम का उद्घाटन किया और कहा- स्टेडियम की रिनेमिंग लंबे समय से चले आ रहे रक्षा और खेल के संबंधों को दिखाती है।
पुणे: राजनाथ सिंह ने गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ी के नाम एक स्टेडियम का किया उद्घाटन
पुणे: राजनाथ सिंह ने गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ी के नाम एक स्टेडियम का किया उद्घाटनPriyanka Sahu -RE
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महाराष्ट्र, भारत। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने महाराष्‍ट्र के पुणे दौरे पर है, इस दौरान उन्‍होंने आज कई कार्यक्रमों में हिस्‍सा लिया और अब उन्‍होंने पुणे में ही 'आर्मी स्पोर्ट इंस्टीट्यूट' में टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ी नीरज चोपड़ा के नाम एक स्टेडियम का उद्घाटन किया है। इस दौरान भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे और नीरज चोपड़ा भी मौज़ूद थे।

स्टेडियम की रिनेमिंग :

पुणे में सूबेदार नीरज चोपड़ा स्टेडियम के उद्घाटन के अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा- आज के अवसर पर स्टेडियम की रिनेमिंग, न केवल नए भारत की ऊर्जा को, बल्कि लंबे समय से चले आ रहे रक्षा और खेल के संबंधों को भी दिखाती है। रक्षा और खेल का संबंध कोई नई बात नहीं है। इनका संबंध मैं समझता हूँ उतना ही पुराना है, जितना की मानव-सभ्यता। स्वतंत्र रूप में जिन्हें हम आज ‘खेल’ कहते हैं, प्रारंभ में वे दरअसल मानव की अपनी सुरक्षा के ही अंग रहे हैं।

जिस भूमि पर आज हम सभी लोग उपस्थित हुए हैं, इसका इतिहास देखिए आप। यह खेल ही था जिसने एक शिवा नाम के बच्चे को छत्रपति शिवाजी महाराज बना दिया। गुरु रामदास, दादोजी कोंड देव और माता जीजाबाई ने बचपन से ही खेल-खेल में ऐसी शिक्षाएँ उन्हें दीं, जिसने उन्हें एक राष्ट्र-नायक में बदल दिया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने कहा कि, ''खेल इंसान को केवल शारीरिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक, व्यावहारिक भावनात्मक और मानसिक रूप से भी सुदृढ़ बनाता है। इसलिए मेरा मानना है, कि एक सैनिक में सच्चा खिलाड़ी और सच्चे खिलाड़ी में एक सैनिक हमेशा मौजूद होता है। भारतीय सेना भी मैं समझता हूँ उसी परंपरा को बखूबी आगे बढ़ा रही है। मुझे गर्व है कि, भारतीय खेल के इतिहास में मेजर ध्यानचंद, कैप्टन मिल्खा सिंह, कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर और कैप्टेन विजय कुमार की परंपरा में अब सूबेदार नीरज चोपड़ा ने भी अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में जोड़ लिया है।''

राजनाथ सिंह द्वारा कहीं गई प्रमुख बातें-

  • जहां सूबेदार नीरज ने देश को गौरवान्वित किया है, वहीं मैं सूबेदार मेजर सतीश के प्रदर्शन की सराहना करता हूं, जिन्होंने 13 टांके लगने के बावजूद अपने Quarter Finals boxing मुकाबले में शानदार प्रदर्शन किया।

  • नायब सूबेदार अविनाश सेबल ने ओलंपिक में 3000 मीटर steeple chase में नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया और पांचवीं बार अपने स्वयं के राष्ट्रीय रिकॉर्ड में सुधार किया।

  • नायब सूबेदार दीपक पुनिया अपने कांस्य पदक मुकाबले में मामूली अंतर से चूक गए, लेकिन उनका प्रदर्शन प्रशंसनीय था। इसके साथ ही सूबेदार अरोकिया राजीव का 4 x 400 मीटर relay में नया एशियाई रिकॉर्ड बनाने का प्रदर्शन काबिले तारीफ है।

  • सेलिंग में नायब सूबेदार विष्णु सरवन्नन और रोविंग में नायब सूबेदार अरुणलाल जाट और नायब सूबेदार अरविंद सिंह की टीम ने अपने-अपने events में भारत का सबसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया है। आप सभी ने यह अभूतपूर्व प्रदर्शन ऐसे समय में दिया है जब हम एक अप्रत्याशित समय से गुजर रहे हैं।

  • आप सभी मेरी इस बात से सहमत होंगे की इस प्रकार के प्रदर्शनों के लिए जिस प्रकार के अनुशासन की आवश्यकता है, ठीक वैसी ही आवश्यकता Army का जवान बनने के लिए भी होती है। मुझे इस बात पर हमेशा गर्व रहा है कि हमारे देश की सेना विश्व की सबसे अनुशासित सेनाओं में से एक है।

  • ASI, भारतीय सेना का एक अद्वितीय और विश्व स्तरीय खेल संस्थान है। मुझे बतलाया गया है कि इसने अब तक 34 Olympians, 22 Commonwealth Games के पदक विजेता, 21 Asian Games के पदक विजेता, 06 Youth Olympic पदक विजेता, 13 अर्जुन पुरस्कार विजेता दिए हैं।

  • भारत सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में खेलों की स्पर्धा में quality बढ़ाने का प्रयास किया हैI मैं समझता हूँ ये केवल सरकारी schemes नहीं, बल्कि एक आंदोलन है, जिसे हमें और आगे लेकर जाना हैI हमें अभी इन प्रयासों से सफलता के और नए आयाम हासिल करने हैं।

  • यह बेहद प्रसन्नता का विषय है कि इन प्रयासों का परिणाम पिछले कुछ वर्षों से दिखना शुरू हो चुका है। साल 2014 तथा 2018 के Common Wealth Games में हमने क्रमशः 64 और 66 पदकों के साथ 5वां और तीसरा स्थान हासिल किया।

  • एक खास बात जो मुझे लगती है कि अब समय आ गया है कि हम सभी खेलों को समान महत्व देना शुरू करें। हमारे देश की महिलाएं भी लगातार खेल में बेहतर प्रदर्शन कर रही है। आप महिला hockey team और ओलंपिक्स में पदक जीतने वाली हमारी 3 महिला-खिलाड़ियों का ही उदाहरण ले लीजिये।

  • किसी भी एथलीट के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण क्षण वो होता है जब वह तिरंगा पकड़ता हैI मैं समझता हूँ की जब सूबेदार नीरज चोपड़ा को स्वर्ण पदक देते हुए जब टोक्यो में राष्ट्र गान बजा, तब एक-एक भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा और आँखें ख़ुशी से नम हो गई थी।

  • यह हमारे लिए भी गर्व का विषय है कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी स्वयं खेल में रूचि लेते हैं I यह उनके नेतृत्व में हमारी सरकार का खेल और हमारे खिलाड़ियों के प्रति स्नेह और प्रतिबद्धता दर्शाता है।

राजनाथ सिंह ने बताया यह है मेरा स्वप्न :

मेरा यह स्वप्न है कि, हम एक खेल प्रधान देश बने जो ओलंपिक में Top देशों की श्रेणी में आए। मैं उम्मीद करता हूं कि आप सब इसमें मेरा साथ अवश्य देंगे। मैं उस पल के लिए भी स्वप्न देख रहा हूँ, जब भारत को ओलंपिक का आयोजन करने का मौका मिलेगा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

आगे उन्‍होंने ये भी कहा- वह सभी ओलंपियन, जो थोड़े से margin से चौथे स्थान पर रह गए या फाइनल में पहुंचे लेकिन पदक नहीं पा सके। मेरे लिए वो सभी किसी winner, किसी पदक विजेता से कम नहीं है। आपने olympic में, हमारे देश का प्रतिनिधित्व किया यह कोई कम गौरव की बात नहीं है। हमारे यहाँ कहा भी गया भी गया है कि, ‘नास्ति उद्यम समो बंधु:’, यानि परिश्रम और प्रयास के समान मित्र दुनिया में कोई नहीं है। परिश्रम से मनुष्य हर लक्ष्य प्राप्त कर सकता है। मुझे पूरा विश्वास है कि एक दिन हमारा प्रदर्शन वि।श्व में सर्वश्रेष्ठ होगा।

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