सीकर, राजस्थान। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिक्षा को राज्य सरकार की मुख्य प्राथमिकता बताते हुए कहा कि आज के युवा भारत के भविष्य के निर्माता हैं और प्रदेश का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित ना रहे, यह राज्य सरकार का ध्येय है।
अशोक गहलोत शुक्रवार को सीकर जिले में अध्ययनरत कोचिंग विद्यार्थियों से संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों से आज राजस्थान शिक्षा में अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा आत्महत्या की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ऐसे मंच एक पीढी से दूसरी पीढ़ी में अनुभव साझा करने का उपयुक्त माध्यम है।
महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों से निःशुल्क मिल रही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा :
अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सभी क्षेत्रों में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोले जा रहे हैं। इन विद्यालयों में वंचित वर्ग के बच्चों को अंग्रेजी में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा निःशुल्क प्राप्त हो रही है। अंतर्राष्ट्रीय भाषा होने के कारण अंग्रेजी का अपना महत्व है। शिक्षा का स्तर बेहतरीन होने के कारण आवेदन अधिक आ रहे हैं एवं इन विद्यालयों में लॉटरी सिस्टम से प्रवेश दिया जा रहा है। अब तक राज्य में 2000 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोले जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने से ही उत्कृष्ट मानव संसाधन विकसित किया जा सकता है।
प्रदेश में बड़े शिक्षण संस्थान स्थापित :
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के चहुंमुखी विकास के लिए संकल्पित है। बेहतर शिक्षा के लिए हरसम्भव प्रयास और नवाचार किए जा रहे हैं। प्रदेश में आईआईटी, आईआईएम, एम्स, ट्रिपल आईटी, निफ्ट, एनआईए, आरयूएचएस, लॉ, एग्रीकल्चर, स्पोर्ट्स एवं पुलिस यूनिवर्सिटी जैसे राष्ट्रीय स्तर के संस्थान स्थापित हो चुके हैं। साथ ही अब प्रदेश में विश्वविद्यालयों की संख्या 92 हो गई है। पिछले चार वर्षों में ही 303 नए महाविद्यालय खोले जा चुके हैं। इनमें 130 गर्ल्स कॉलेज भी शामिल हैं। अब प्रदेश के युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना में 500 विद्यार्थियों को विदेश में निःशुल्क शिक्षा जैसे नवाचारों से राज्य में शिक्षा का स्वरूप बदल गया है।
मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना ने जगाया विश्वास :
अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश के 30 हजार मेधावी विद्यार्थियों को राज्य सरकार द्वारा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निःशुल्क कोचिंग उपलब्ध कराई जा रही है। राज्य में सभी विद्यार्थियों को समान अवसर प्रदान करने तथा गरीब परिवार के विद्यार्थी को भी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उत्कृष्ट कोचिंग सुविधा उपलबध कराने की सोच के साथ यह योजना शुरू की गई है। संवाद स्थल पर उपस्थित विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि इस योजना ने विद्यार्थियों में एक नया विश्वास जगाया है।
मुख्यमंत्री ने दिया सफलता एवं समय प्रबंधन का सूत्र :
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन का कोई भी क्षेत्र हो, प्रतिबद्धता, निष्ठा, समर्पण और सच्चाई के मार्ग पर चलकर ही सफलता मिल सकती है। उन्होंने गांधी जी की ‘सत्य के प्रयोग’ पुस्तक का जिक्र करते हुए कहा कि गांधी जी ने इसमें ‘सत्य ही ईश्वर और ईश्वर ही सत्य है’ का कथन लिखा है। उन्होंने विद्यार्थियों को इसी मार्ग पर चलने का सुझाव दिया। साथ ही मुख्यमंत्री ने समय प्रबंधन, तनाव से मुक्त रहने के उपाय तथा आत्मविश्वास को बनाए रखने के सूत्र भी विद्यार्थियों के साथ साझा किए।
अशोक गहलोत ने विद्यार्थियों को परीक्षा के दौरान तनाव में ना आने, आत्मविश्वास के साथ तैयारी करने तथा जरूरत पड़ने पर काउंसलर की मदद लेने के सुझाव दिये। उन्होंने समस्त कोचिंग सेन्टर्स को भी विद्यार्थियों को निःशुल्क काउंसलिंग की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
इस दौरान विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री से उनके पारिवारिक पृष्ठभूमि, राजनीतिक जीवन, सफलता के सूत्र, समय एवं तनाव प्रबंधन तथा विभिन्न सरकारी योजनाओं से संबंधित सवाल पूछे, जिनके अशोक गहलोत ने विस्तारपूर्वक उत्तर दिये।
इस अवसर पर पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, राजस्थान एग्रो इंडस्ट्री डवलपमेंट बोर्ड के चेयरमैन रामेश्वर डूडी, राजस्थान युवा बोर्ड के अध्यक्ष सीताराम लांबा, केश कला बोर्ड के अध्यक्ष महेन्द्र गहलोत, विधायक राजेंद्र पारीक, हाकम अली खान, सुरेश मोदी, सीकर कलेक्टर डॉ अमित यादव सहित वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद थे।
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