मुख्यमंत्री गहलोत ने दी लोहड़ी की बधाई, कहा- लोग सामाजिक मूल्यो को बनाए रखने का लें संकल्प
राज एक्सप्रेस। आज लोहड़ी के पर्व पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर दी लोगों को बधाई। मुख्यमंत्री गहलोत ने लोगों को सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बचाए रखने की सलाह दी है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा–'लोहड़ी के पर्व पर हार्दिक बधाई, इस अवसर पर सभी की सुख-समृद्धि एवं निरोगी जीवन की कामना है। लोहड़ी का पर्व हमारे जीवन में उल्लास, उमंग और आशा का संचार करता है। नई ऊर्जा का प्रवाह करने वाले इस पर्व पर हमें सामाजिक व सांस्कृतिक मूल्यों को बनाए रखने का संकल्प लेना चाहिए।'
पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी दी लोहड़ी की बधाई, कहा– हर्षोल्लास एवं उमंग के महापर्व लोहड़ी की हार्दिक शुभकामनाएं। यह पावन पर्व आप सभी के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशियां लेकर आए।
क्यों मनाते हैं लोहड़ी ?
सिख समुदाय के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक लोहड़ी का पर्व आज मनाया जा रहा है। इस पर्व की सबसे अधिक धूम पंजाब, हरियाणा, दिल्ली में रहती है। यह पर्व कृषि व प्रकृति को समर्पित होता है।
लोहड़ी मनाने के पीछे कई प्रचलित कथाएं भी हैं लोहड़ी का पर्व माता सती, भगवान श्रीकृष्ण व दुल्ला भट्टी से जुड़ा हुआ माना गया है। इस दिन दुल्ला भट्टी वाला गीत गाने की परंपरा है, लोहड़ी पर अग्नि जलाई जाती है। सभी लोग इस पवित्र अग्नि की पूजा करते हैं। घर परिवार व रिश्तेदार सब लोग मिलकर लोहड़ी जलाते हैं। अग्नि में नई फसल, रेवड़ी, तिल, मूंगफली, गुड़ आदि डाले जाते हैं।
वहीं मेहमानों को लोहड़ी से संबंधित वस्तुएं वितरित की जाती हैं और लोहड़ी की बधाइयां देते हैं। पौष माह के दिन के बाद प्रकृति में कई बदलाव आते हैं, लोहड़ी की रात साल की सबसे लंबी रात होती है। इसके बाद धीरे-धीरे दिन बड़े होने लगते हैं। मौसम फसलों के अनुकूल होने लगता है, इसलिए इसे मौसमी त्योहार भी कहा जाता है। लोहड़ी में से लकड़ी, ओह से गोहा (जलते हुए सूखे उपले) और ड़ी से रेवड़ी अर्थ होता है, इसलिए इस दिन मूंगफली, तिल, गुड़, गजक, चिड़वे, मक्के को लोहड़ी की आग पर से वारना करके खाने की परंपरा है।
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