कोचिंग सेंटर्स पर सख्त राजस्थान सरकार, गठित होगी कोचिंग निगरानी समिति, जारी की गाइडलाइन
जोधपुर, राजस्थान। अजमेर में राजस्थान लोक सेवा आयुक्त अधीन सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा के पेपर लीक प्रकरण में कोचिंग सेंटर्स माफिया पर राजस्थान सरकार अब एक्शन के मोड में आ चुकी है। पेपर लीक के आरोपी भूपेंद्र सारण और सुरेश ढाका के कोचिंग सेंटर को ध्वस्त करने के बाद राजस्थान सरकार की शिक्षा विभाग ने गाइडलाइन जारी की है। शिक्षा विभाग ने कहा कि, अधिकारियों के साथ अभिभावक और डॉक्टर्स की टीम भी लगातार कोचिंग सेंटर्स की निगरानी करती रहेगी। शिक्षा विभाग कोचिंग सेंटर्स पर निगरानी के लिए कोचिंग निगरानी समिति भी गठित करेगा।
टेस्ट का रिजल्ट जारी करने से मनाई
कोचिंग सेंटर्स अब स्टूडेंट्स के टेस्ट का रिजल्ट पब्लिश नहीं करेंगे, क्योंकि टेस्ट में कम नंबर आने पर स्टूडेंट्स तनाव और घबराहट में आ जाते हैं, जिसकी वजह से कई बार गलत कदम उठा लेते हैं। मानसिक बीमारी या तनाव में आए हुए स्टूडेंट्स के लिए कोचिंग सेंटर्स को मनोविशेषज्ञ की व्यवस्था भी कैचिंग सेंटर्स को करना होगी।
गठित होगी समिति और बनाया जाएगा हेल्पलाइन नंबर
कोचिंग और हॉस्टल की शिकायतों पर निगरानी और कार्यवाही करने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। यह कमेटी जिले के सभी कोचिंग सेंटर्स पर नियंत्रण रखेगी। एक हेल्पलाइन नंबर बनाया जाएगा, जिसमे कॉल करके स्टूडेंट्स अभिभावक,डॉक्टर्स या अधिकारियों से अपनी परेशानी और शिकायत साझा कर सके। जिला कलेक्टर की ओर से एसडीएम स्तर के अधिकारी को नोडल आफिसर बनाया जाएगा,, जिसमें पुलिस उपाधीक्षक और माध्यमिक शिक्षा का जिला शिक्षा अधिकारी सदस्य होंगे। सरकारी पीजी कॉलेज का प्रिंसिपल इसका मेंबर सेक्रेटरी होगा।
शिक्षा विभाग द्वारा कोचिंग सेंटर्स के लिए नई गाइडलाइन
कोचिंग सेंटर्स, हॉस्टल में सुरक्षा गार्ड के साथ सीसीटीवी कैमरे
शिकायत मिलने पर हॉस्टल, मैस, टिफिन सेवा देने वालों की जांच चिकित्सा और रसद विभाग के संयुक्त दल से।
कोचिंग सेंटर्स में अस्पताल, डॉक्टर्स आदि की सूची लगाना जरूरी और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था हो।
कोचिंग सेंटर्स, हॉस्टल वार्डन को किसी स्टूडेंट्स के अस्वस्थ होने पर उनके अभिभावकों के आने तक उनके केयर टेकर के रूप में काम करना होगा
कोचिंग सेंटर्स में स्टूडेंट्स की क्लीनिकल काउंसलिंग की व्यवस्था।
कोचिंग सेंटर्स में मनोवैज्ञानिक मार्गदर्शन केंद्र को वैलनेस सेंटर के रूप में संचालित किया जाए।
अगर स्टूडेंट्स बिना सूचना दिए 3 दिन से कोचिंग नहीं आया है तो उसके अभिभावकों से सम्पर्क कर अनुपस्थित रहने का कारण कोचिंग संस्थानों को पता करना होगा।
ऑनलाइन क्लास में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स का भी पूरा रिकॉर्ड रखना होगा।
कोचिंग सेंटर्स में एक ई-लर्निंग सेंटर स्थापित करना होगा और किसी स्टूडेंट की क्लास में अनुपस्थिति में, स्टूडेंट को ई लेक्चर की मदद की जाएगी।
अगर कोई स्टूडेंट कोचिंग सेंटर से निकलना चाहता है तो उसे जमा फीस 10 दिन में लौटानी होगी। यदि वह कोचिंग के हॉस्टल में रह रहा है तो मैस फीस भी लौटानी होगी।
स्टूडेंट्स को जेईई, गेट और मेडिकल संस्थानों की प्रवेश परीक्षाओं में सफल ना होने की स्थिति में दूसरे करिअर ऑप्शन के बारे में बताया जाएगा।
स्टूडेंट्स और उनके परिजनों की शिकायत का तत्काल हल हो सके उसके लिए कोचिंग सेंटर्स को व्यवस्था करनी होगी।
कोचिंग सेंटर्स टेस्ट रिजल्ट प्रकाशित नहीं कर सकेंगे।
स्टूडेंट्स के साथ उनके अभिभावकों का भी ओरिएंटेशन करवाना होगा।
कोचिंग सेंटर्स और अभिभावकों के पास स्टूडेंट्स के आवास का पता और मोबाइल नंबर होना जरूरी होगा।
हॉस्टल और पीजी सुविधाओं के आसपास पुलिस गश्त होगी जरूरी होगी।
पुलिस थाने में छात्र छात्राओं के लिए अलग से हेल्प डेस्क जरूरी होगी।
नए कोचिंग सेंटर खोलने से पहले देखना जरूरी होगा कि आसपास कोई शराब या मादक पदार्थ की ब्रिकी नहीं की जाएगी।
स्टूडेंट्स के मानसिक स्वास्थ्य के लिए कोचिंग संस्थानों में जागरुकता सप्ताह आयोजित किया जाएगा।
इसके लिए जिला स्तरीय कमेटी अनुभवी मनोविशेषज्ञों की मदद लेगी।
तनाव रोकने के लिए कार्यशालाओं का होगा आयोजन।
जिला प्रशासन को कोचिंग सेंटर्स से मासिक कार्यक्रम तैयार करवा कर उनके आयोजन की ज़िम्मेदारी होगी।
पुलिस थाने का सम्पर्क नंबर और हेल्पलाइन नंबर स्टूडेंट्स को देने होंगे।
पीजी और हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स के लिए एक यूनिफॉर्म फॉर्मेट लागू किया जाएगा। जिसमें उनकी पूरी डिटेल, अभिभावकों के सम्पर्क की सूचना, मासिक किराया, रिफंड नीति, दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी और कोचिंग संस्थान के नियमों की जानकारी दी जाएगी।
कोचिंग सेंटर्स, हॉस्टल में कार्यरत पूरे स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन करना जरुरी होगा।
स्टूडेंट्स के कोचिंग आने जाने के समय की कारण सहित एंट्री रजिस्टर में करवानी होगी।
कोचिंग सेंटर्स द्वारा झूठे और फर्जी विज्ञापन दिखाकर छात्रों को बेवकूफ बनाने पर उनके खिलाफ सख्त करवाई की जाएगी।
हॉस्टल और कोचिंग में बाहर से आने वाले व्यक्तियों का पूरा रिकॉर्ड व्यक्तिगत पहचान, मोबाइल नंबर, आने का कारण आदि रजिस्टर में मेंटेन करना होगा।
शाम को कोचिंग आने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए वहां रोशनी होना जरुरी होगा।
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