भरतपुर। राजस्थान में आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर के अरौदा गांव पर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 21 को पिछले तीन दिनों से ठप्प कर धरना दे रहे माली, सैनी, कुशवाहा, शाक्य एवं मौर्य समाज के आंदोलनकारियों ने मंगलवार को चेताया है कि सरकार की ऑथराइज कमेटी ने अगर उनसे वार्ता नहीं की तो पूरे प्रदेश में चक्का जाम का एलान कर दिया जाएगा।
उधर सरकार के साथ आंदोलनकारियों की वार्ता तीसरे दिन भी शुरू नही होने से अब सरकार की तरफ से आंदोलन को लेकर सख्ती के संकेत सामने आने लगे है। मंगलवार को लखनपुर थाने में 58 आंदोलनकारियों को नामजद कर करीब एक हजार अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। मामले को लेकर माली-कुशवाहा आरक्षण समिति की और से सरकार पर वार्ता के लिए न्योता नहीं देने और आंदोलन को दबाने की कोशिश करने के आरोप लगाए गए है।
आंदोलन को लेकर सरकार के साथ वार्ता के लिए पहले प्रशासन को दी गई 31 सदस्यों की सूची को कम कर अब 10 कर दिया गया है लेकिन फिर भी वार्ता अधरझूल में ही है। संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा के अनुसार आंदोलन कर रहे आरक्षण संघर्ष समिति के सदस्यों में ही सहमति नहीं बनी है इसीलिए मंगलवार को कोई भी बात करने के लिए मंत्री विश्वेंद्र सिंह के पास नहीं पहुंचा। हम बात करने के लिए तैयार हैं। हालात नियंत्रण में हैं। प्रशासन सहमति बनाने का पूरा प्रयास कर रहा है।
आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल कुशवाह ने कहा कि हमें वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया है। बुलाते तो हम जरूर जाते। धरनास्थल पर भी कोई प्रतिनिधि नहीं आया। श्री कुशवाह ने कहा कि आंदोलन को खत्म करने के लिए सरकार दबाव बना रही है। सरकार के लोग हमारे घरों तक पहुंच रहे हैं। कहा जा रहा है कि आपको नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा। हमारे युवाओं के ट्रांसफर कर दिए गए हैं। हमारे घर आदमी भेजे जा रहे हैं। हमारे बच्चों को जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं।
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