राजस्थान में लाल डायरी को लेकर गरमाई राजनीति, जानिए पूरा मामला
हाइलाइट्स :
विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान में लाल डायरी को लेकर सियासत गरमा गई है।
राजेंद्र सिंह गुढ़ा अपने साथ लाल डायरी लेकर राजस्थान विधानसभा पहुंचे।
लाल डायरी की वजह से गहलोत सरकार मुश्किल में आ सकती है।
राज एक्सप्रेस। राजस्थान में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होना है। विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान में लाल डायरी को लेकर सियासत गरमा गई है। सोमवार को गहलोत सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा अपने साथ लाल डायरी लेकर राजस्थान विधानसभा पहुंचे। हालांकि गुढ़ा को विधानसभा अध्यक्ष ने मार्शलों के जरिए विधानसभा से बाहर तक निकलवा दिया। इसके बाद बाहर मीडिया से बात कर रहे गुढ़ा से कांग्रेस विधायकों ने लाल डायरी छीनने की कोशिश की। गुढ़ा का कहना है कि कांग्रेस विधायकों ने डायरी का एक हिस्सा छीन लिया जबकि एक हिस्सा अभी भी मेरे पास है। वहीं इस पूरे मामले को लेकर भाजपा भी कांग्रेस पर हमलावर हो गई है। तो चलिए जानते हैं कि राजेंद्र सिंह गुढ़ा के पास वह लाल डायरी कहां से आई और उस डायरी में ऐसे कौन से राज छिपे हुए हैं?
कहां से आई डायरी?
राजेंद्र सिंह गुढ़ा के अनुसार साल 2020 में जब सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावती तेवर दिखाए थे, उस समय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी धर्मेंद्र राठौड़ के यहां इनकम टैक्स का छापा पड़ा था। गुढ़ा ने बताया कि धर्मेंद्र राठौड़ अपने यहां मौजूद डायरियों को वहां से निकालना चाहते थे। ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कहने पर वह धीरज गुर्जर और एक पुलिस अधिकारी के साथ वहां पहुंचे और इनकम टैक्स के अधिकारियों से उलझकर जैसे-तैसे डायरियों को बालकनी से फेंककर बाहर ले आए। इस दौरान इनकम टैक्स के अधिकारियों के साथ मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उनकी पिटाई भी की थी। गुढ़ा का कहना है कि धर्मेंद्र राठौड़ के घर से डायरियों को निकालकर जला दिया गया था, लेकिन उनमें से कुछ डायरियां उनके पास मौजूद हैं।
लाल डायरी में क्या है?
राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने बताया है कि इस लाल डायरी में गहलोत सरकार के दौरान हुई विधायकों की खरीद-फरोख्त की पूरी जानकारी है। राज्यसभा चुनाव में विधायकों को क्या दिया गया, क्रिकेट के चुनाव में किस-किस को पैसे दिए गए, किस व्यक्ति को क्या प्रलोभन दिया गया जैसी जानकारी इस डायरी में मौजूद है। गुढ़ा के अनुसार लाल डायरी में कई ऐसे राज लिखे हुए हैं, जो सामने आ गए तो गहलोत सरकार मुश्किल में आ सकती है।
कौन हैं राजेंद्र सिंह गुढ़ा और धर्मेंद्र राठौड़?
दरअसल राजेंद्र सिंह गुढ़ा कुछ दिनों पहले तक गहलोत सरकार में मंत्री थे। हालांकि विधानसभा में अपनी ही सरकार के खिलाफ बयान देने के चलते उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था। वहीं धर्मेंद्र राठौड़ को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का करीबी माना जाता है। सीएम गहलोत ने उन्हें राजस्थान पर्यटन निगम का अध्यक्ष बनाकर मंत्री का दर्जा दे रखा था।
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