पीएम मोदी ने किसानों के लिए उठाए महत्वपूर्ण कदम : नरेंद्र सिंह तोमर
हाइलाइट्स :
जैसे जल ही जीवन है, वैसे कृषि ही जीवन है।
काजरी संस्थान के कार्यों को देखकर गौरव का अनुभव होता है।
श्री अन्न (मिलेट्स) का उपयोग बढ़े, इसके लिए प्रधानमंत्री ने पूरी दुनिया को एक सूत्र में पिरोया है।
जोधपुर, राजस्थान। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत नौ वर्षों में किसानों की अतिरिक्त चिंता करते हुए उनकी आय एवं कृषि को आगे बढ़ाने की हर दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए और आज इसका प्रतिफल देश भर में देखने को मिल रहा है।
नरेंद्र सिंह तोमर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी), जोधपुर में शनिवार को किसान एवं वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम में वर्चुअल भाग लेते हुए यह बात कही। उन्होंने कृषि क्षेत्र को देश के लिए आज बहुत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी कि जैसे जल ही जीवन है, वैसे कृषि ही जीवन है। आजीविका के लिए कई क्षेत्र हैं, जिनमें पैसा कमाया जा सकता है लेकिन कृषि का क्षेत्र ऐसा है कि यदि यह उपेक्षित हो गया तो पैसा तो हाथ में होगा लेकिन खरीदने के लिए खाद्यान्न एवं अन्य सामग्री नहीं होगी, इसीलिए किसान को अन्नदाता कहा गया है और इसीलिए नरेंद्र मोदी ने किसानों की अतिरिक्त चिंता पिछले नौ वर्षों में की है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों की आय व कृषि को आगे बढ़ाने के लिए जो-जो प्रयत्न आवश्यक है, उस दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाए हैं। चाहे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि हो या प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का सुरक्षा कवच हो, चाहे 10 हजार नए एफपीओ बनाने का मामला हो अथवा एक लाख करोड़ रुपये का एग्री इंफ्रा फंड स्थापित करने का मामला हो, चाहे किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से किसानों को 20 लाख करोड़ रु. तक का ऋण आसानी से उपलब्ध कराने का विषय हो, पशुपालकों- मस्त्यपालकों को केसीसी से जोड़ने का सवाल हो, हर दिशा में प्रधानमंत्री ने काम किया है। इसका प्रतिफल आज निश्चित रूप से देशभर में देखने को मिलता है।
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि काजरी संस्थान के कार्यों को देखकर गौरव का अनुभव होता है जहां के वैज्ञानिकों ने इस पूरे रेतीले इलाके में कृषि क्षेत्र में चमत्कार किया है वहीं आईसीएआर के वैज्ञानिकों ने खाद्यान्न, बागवानी, पशुपालन एवं मत्स्यपालन की दृष्टि से जो बेहतर काम किया है, उसके कारण हमारा देश आज अग्रणी अवस्था में खड़ा है।
उन्होंने कहा कि आज हमारे सामने चुनौतियां भी है कि खेती में लागत कैसे कम करें, इसके लिए टेक्नालाजी का उपयोग करें एवं स्वाइल हेल्थ कार्ड का उपयोग किसानों की आदत में आएं। सामूहिक रूप से पोषक तत्व, कीट प्रबंधन आदि से खेती की लागत कम होगी एवं फसलों की गुणवत्ता भी बढ़ेगी। कृषि मंत्री ने कहा कि जैविक व प्राकृतिक खेती वर्तमान समय की आवश्यकता बनती जा रही है, जिसे बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार ने अनेक उपाय किए हैं, योजनाएं बनाई हैं, जिन्हें हमारे किसान भाइयों-बहनों को अपनाना चाहिए तथा इस खेती को प्रोत्साहित करना चाहिए।
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में मिलेट्स (श्री अन्न) की खेती हो रही है। श्री अन्न का उपयोग बढ़े, इसके लिए प्रधानमंत्री ने पूरी दुनिया को एक सूत्र में पिरोया है, जैसे-जैसे इसका उपभोग बढ़ेगा, तो मांग वृद्धि के साथ छोटे किसानों की उपयोगिता एवं इनकी आय भी बढ़ेगी। इस दिशा में प्रधानमंत्री का आह्वान असरकारक हो रहा है, पूरी दूनिया के देश मिलेट्स मांग रहे हैं, जिसके लिए हिंदुस्तान के किसानों को उत्पादन भी बढ़ाना पड़ेगा, उन्हें इस दिशा में प्रवृत्त होना पड़ेगा। कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री शेखावत एवं कृषि राज्य मंत्री चौधरी ने भी संबोधित किया।
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