विकास के लिए विजन बनाने की जरुरत : नितिन गडकरी
विकास के लिए विजन बनाने की जरुरत : नितिन गडकरीRaj Express

विकास के लिए विजन बनाने की जरूरत : नितिन गडकरी

केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी ने विकास के लिए विजन बनाने की जरुरत बताते हुए 'संसदीय प्रणाली और लोगों की उम्मीदें' पर सेमिनार को संबोधित किया।
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जयपुर, राजस्थान। केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी ने विकास के लिए विजन बनाने की जरुरत बताते हुए कहा है कि जब तक राजनेता सकारात्मक और विकासवादी विजन के साथ आगे नहीं बढ़ेंगे तब तक लोकतंत्र में उसे जनता की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा जा सकता है।

श्री गडकरी आज विधानसभा में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ राजस्थान शाखा की और से संसदीय प्रणाली और जन अपेक्षाएं विषय पर आयोजित सेमिनार के दूसरे सत्र में मुख्य अतिथि के रुप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हम लोकतंत्र में गुणात्मक परिवर्तन कर सकते और सड़क एवं पनी से देश की तस्वीर बदल जायेगी। उन्होंने कहा कि मतदान क्षेत्र में रोजगार तैयार करने की जरुरत बताते हुए कहा कि जनता का काम करने पर लोकतंत्र यशस्वी बनेगा और लोगों के जीवन में परिवर्तन आयेगा। उन्होंने कहा कि भारत माला एवं सागर माला जैसे बड़े प्रोजेक्ट शुरु किए और ईच्छा शक्ति होने पर इस पर काम हुआ। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में गुणात्मक परिवर्तन करके देश को बदल सकते हैं।

उन्होंने कहा कि शहरों की आबादी बढ़ रही हैं, कयोंकि गांवों में सड़क, पानी एवं स्कूल के हालात खराब हैं। सबसे बड़ी समस्या पानी की बताते हुए, उन्होंने कहा कि देश के किसान को समर्थ बनाने के लिए पानी के नियोजन एवं सरंक्षण करने की जरुरत हैं। उन्होंने सभी जन प्रतिनिधियों से निवेदन किया किया अपने विधानसभा क्षेत्र में पानी का नियोजन करे।

उन्होंने कहा कि कारगिल टनल बनाने पर हमने पांच हजार करोड़ बचाए, जो कुछ कर रहे हो उसमें तकनीकी एवं गुणात्मक का इस्तेमाल करके ऐसा परिवर्तन संभव हैं। उन्होंने कहा कि देश का किसान हवाई ईंधन बना सकता, अब फ्लेक्स व्हिकल लाया जा रहा है। उन्होंने सचिन तेंदुलकर एवं गावस्कर से एक बातचीत का उदाहरण देते हुए कहा कि खेल की तरह राजनीति में भी कौशल की जरुरत होती है। उन्होने कालेज जीवन में एक मित्र की बात का जिक्र करते हुए कहा कि विचारधारा को कभी नहीं छोड़ना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सबका विचार अलग अलग होने के बावजूद गरीब के कल्याण और देश के विकास के नाम पर विचार एक होना चाहिए। हम अच्छे होंगे तो लोकतंत्र अच्छा होगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में राजनीति के सही अर्थ को लेकर सोचने की जरुरत हैं। उन्होंने कहा कि जब व्यक्ति और संगठन की बात आती है तो उसमें संगठन श्रेष्ठ है, जबकि संगठन और विचारधारा की बात आती है तो विचारधारा श्रेष्ठ है। विचारधाराओं का सम्मान करना ही हमारे देश के लोकतंत्र की आत्मा है। उन्होनें कहा कि गरीब के कल्याण के मुद्दे पर किसी में मतभेद नहीं हो सकते। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी. पी. जोशी एवं प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने भी सेमिनार को संबोधित किया।

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