सालों की तपस्या के बाद मिली भारत की नागरिकता
राजस्थान, भारत। राजस्थान में 49 वर्षीय गायत्री की आंखें उस वक्त नम हो गई जब इतनी साल की तपस्या के बाद उन्हे भारतीय नागरिकता मिल गई। जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में अतिरिक्त जिला कलेक्टर मोहम्मद अबूबक्र ने 49 वर्षीय गायत्री के साथ-साथ पड़ोसी देश पाकिस्तान से विस्थापित हुए 9 विस्थापितो को नागरिकता का प्रमाण पत्र दिया गया।
बता दें, सालों इंतजार करने के बाद 9 पाकिस्तानी नागरिकों को भारतीय नागरिकता मिली, गायत्री के साथ दर्शन लाल, नसीबन, वाटूमल, डॉ.अशोक कुमार, कन्हैयालाल, जेवरलाल, संगीताबाई और ज्ञानचंद को भी नागरिकता का प्रमाण पत्र दिए गए। इस मौके पर कई विस्थापितों के आंखों से आंसू बरस पड़े क्योंकि नागरिकता पाने का इंतजार काफी लंबा था।
जिला प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए कही ये बात
नागरिकता पाते ही डॉ. अशोक कुमार समेत सभी विस्थापितो ने जिला प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा- हम सब खुद को गर्व के साथ भारतीय कह सकते हैं हमारी इतने साल से चली आ रही भारत की नागरिकता के लिए तपस्या आज खत्म हो गई है l दिहाड़ी मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालने वाले कन्हैयालाल की आर्थिक स्थिति ठीक नही थी जिसका कारण यह था की कन्हैयालाल को भारत की नागरिकता न होने के कारण कोई भी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता था।
अब नागरिकता मिलने पर न ही कन्हैयालाल बल्कि उमके जैसे 9 और विस्थापितो को अपनी पहचान मिलेगी अब उन सबको सरकारी योजनाओं के लाभ मिलेंगे। अतरिक्त जिला कलेक्टर मोहम्मद अबूबक्र ने सभी विस्थापितों को नागरिकता मिलने की शुभकामनाएं देने के साथ ही ये कहा की प्रशासन नागरिकता के आवेदनों पर पैनी नजर बनाने के बाद पूरी जांच परख के बाद नागरिकता देने का निर्णय लेता है, ताकि प्रमाण पत्र मिलने कि कार्यवाही पर किसी भी तरीके की अर्चन या परेशानी न आए।
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