चार दुर्लभ खनिज
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Rajasthan News: जम्मू-कश्मीर में लीथियम के बाद अब राजस्थान में मिले चार दुर्लभ खनिज

Rajasthan News: जम्मू कश्मीर के बाद राजस्थान के बाड़मेर, जालौर, पाली और उदयपुर के आसपास के क्षेत्रों में 4 अलग दुर्लभतम खनिज के भण्डार मिलने के अनुमान विभाग को मिले है।
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जयपुर, राजस्थान। कुछ दिनों पहले जम्मू कश्मीर के सलाल हैमाना इलाके में एक दुर्लभ खनिज लिथियम को खोजा गया था जो की भारत में पहली बार सामने आया था। भारत के खनन मंत्रालय ने बताया था कि जम्मू कश्मीर के सलाल हैआमा क्षेत्र में 5.9 मिलियन टन का लिथियम की खोज हुई है। इस दुर्लभ पदार्थ को अमूमन ईवी बैटरी बनाने में इस्तमाल किया जाता है। भारत जम्मू कश्मीर में इस दुर्लभ पदार्थ के मिलने से पहले बाहरी देशों से लिथियम लाया करता था। लेकिन अब जम्मू कश्मीर के बाद राजस्थान के बाड़मेर, जालौर, पाली और उदयपुर के आसपास के क्षेत्रों में 4 अलग दुर्लभतम खनिज के भण्डार मिलने के आरंभिक अनुमान विभाग को मिले है। खनिज विभाग को आरंभिक खोज में कार्बोनेटाइट्स व माइक्रोग्रेनाइट चट्टानों में बस्तनासाइट, ब्रिटोलाइट, सिंचीसाइट और जेनोटाइम जैसे दुर्लभ खनिज के भण्डार को खोज निकाला है।

चीन की मोनेापोली

इन 4 दुर्लभ खनिजों के निर्यात बाजार में आज चीन की मोनेापोली है और करीब 95 प्रतिशत आपूर्ति चीन द्वारा की जा रही है। ऐरोस्पेस, लेजर, बैटरी, मेगनेट, न्यूक्लियर बैटरी, एक्स रे ट्यूब, सेरेमिक, हाई टेंपरेचर बैटरी, फ्लोरोसेंट लेंप के साथ ही केंसर की दवा में उपयोग होते है रेयर अर्थ एलिमेंट।चीन रेयर अर्थ एलिमेंट यानी ऐसे खनिज जो धरती काफी कम पाए जाते है उनका दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक है, जो वैश्विक वार्षिक उत्पादन का लगभग 60% है और शेष 40% में से अधिकांश संयुक्त राज्य अमेरिका, बर्मा (म्यांमार), ऑस्ट्रेलिया और मेडागास्कर के बीच साझा किया जाता है।

कहां किसका भंडार?

जालौर के सिवाना में माइक्रोग्रेनाइट की चट्टाने मिली है, जिनमें दुलर्भतम जेनोटाइम रेयर अर्थ के डिपोजिट्स हैं। बाड़मेर के कमठाई में 5 मिलियन टन रेयर अर्थ के भण्डार की संभावना है तो पाली के पास ढ़ाणी ग्रेनाइट ब्लॉक और उदयपुर के पास निवाणियां गांव में कार्बोनेटाइट्स चट्टानों में रेयर अर्थ के डिपोजिट है।

खनन विभाग द्वारा अन्वेषण कार्य शुरू

विभाग द्वारा अन्वेषण कार्य को गति देने और नमूना विश्लेषण के निर्देश दिए है। रेयर अर्थ की गुणवत्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सिवाना रिंग काम्पलेक्स में भारत सरकार के एटोमिक एनर्जी डिपार्टमेंट ने 7 ब्लॉकों को अन्वेषण के लिए संरक्षित कराया है। विभाग द्वारा अन्वेषण, माइनिंग ब्लॉक की तैयारी, नीलामी और खनन गतिविधियों के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति करते हुए नया रिकार्ड बनाया है। यहां तक कि रेवेन्यू संग्रहण और एमनेस्टी योजना का योजनावद्ध क्रियान्वयन कर नया कीर्तिमान स्थापित किया जा रहा है। रेयर अर्थ एलिमेंट के अन्वेषण और खनन आरंभ होने के बाद राजस्थान की किस्मत भी बदल सकती है और साथ ही राजस्थान सरकार को भी बहुत सा मुनाफा भी होगा।

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