मनरेगा के तहत 62 लाख 16 हजार परिवारों को मिला रोजगार : रमेश मीणा
मनरेगा के तहत 62 लाख 16 हजार परिवारों को मिला रोजगार : रमेश मीणाRaj Express

मनरेगा के तहत 62 लाख 16 हजार परिवारों को मिला रोजगार : रमेश मीणा

चर्चा के बाद सदन ने ग्रामीण विकास विभाग की 51 अरब 26 करोड़ 48 लाख 62 हजार रूपये एवं पंचायती राज विभाग की 90 अरब 78 करोड़ 47 लाख 86 हजार रूपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी।
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जयपुर, राजस्थान। प्रदेश के ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत वित्त वर्ष 2022-23 में 62 लाख 16 हजार परिवारों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया और 33 करोड़ 43 लाख मानव दिवस सृजित किये गये जबकि वित्त वर्ष की समाप्ति तक 35 करोड़ मानव दिवस सृजित करना लक्षित है।

श्री मीणा ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग एवं ग्रामीण विकास विभाग की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने ग्रामीण विकास विभाग की 51 अरब 26 करोड़ 48 लाख 62 हजार रूपये एवं पंचायती राज विभाग की 90 अरब 78 करोड़ 47 लाख 86 हजार रूपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी।

उन्होंने बताया कि मानव दिवस सृजन करने में पिछले वर्ष राजस्थान देश में प्रथम स्थान पर रहा है और इस वर्ष भी अभी तक प्रथम स्थान पर ही है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस योजना के तहत 8 हजार 949 करोड़ 18 लाख रूपये व्यय हुये। उन्होंने बताया कि वित्तिय वर्ष 2022-23 में 98.03 प्रतिशत श्रमिक भुगतान निर्धारित 15 दिवस की समय सीमा में किया गया है।

उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 168 करोड़ 70 लाख मानव दिवस सृजित किये जा चुके है। अब तक 37 हजार 863 करोड़ रूपये का व्यय अब तक हो चुका है। 16 लाख 15 हजार कार्य पूर्ण करवाये जा चुके है। श्री मीणा ने बताया कि श्रमिकों की फर्जी हाजरी रोकने के लिए राज्य की समस्त ग्राम पंचायतों में श्रमिक नियोजन वाले कार्यों में एनएमएमएस एप के माध्यम से निगरानी की जारी रही है। जिसके क्रियान्वयन में राज्य देश में प्रथम स्थान पर है।

श्री मीणा ने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत वर्ष 2023-24 में लगभग तीन हजार हैक्टयर भूमि में चारागाह विकास के कार्य करवाये जायेंगे। इन कार्यों पर महात्मा गांधी नरेगा योजना मद से लगभग 600 करोड़ रूपये का व्यय किया जायेगा। योजना के अंतर्गत वर्ष 2023-24 में 500 आंगनबाडी केन्द्रों का निर्माण कराया जायेगा। इन कार्यों पर लगभग 40 करोड़ रूपये का व्यय होगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के दूरस्थ ग्रामीण स्थानों में रह रहे निर्धन, वंचित वर्ग एवं महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके लिए सुगम सुविधाएं विकसित करने के लिए विभाग द्वारा योजनाओं का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया जा रहा है। इन योजनाओं से इन वर्गों का सामाजिक एवं आर्थिक रूप से सशक्तिकरण हुआ है।

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