राजस्थान, भारत। राजस्थान का सियासी घमासान की लड़ाई कम नहीं, बल्कि बढ़ती जा रही है, अभी तक ये मामला सिर्फ हाईकोर्ट तक पहुंचा था, लेकिन अब मामला इतना अधिक तूल पकड़ा गया कि, राजस्थान विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। राजस्थान हाईकोर्ट से अब सुप्रीम कोर्ट तक ये मामला पहुंच गया है।
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष जाएंगे SC :
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी देश की सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे, उन्होंने कहा कि, स्पीकर को कारण बताओ नोटिस भेजने का पूरा अधिकार है, मैंने अपने वकील से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करने के लिए कहा है। दरअसल, राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष जोशी ने हाईकोर्ट द्वारा आदेश में 'निर्देश' शब्द के उपयोग करने पर आपत्ति जताई है।
साथ ही उन्होंने ये भी कहा- नोटिस जारी होने के बाद उसमें कानूनी हस्तक्षेप ठीक नहीं है। स्पीकर की जिम्मेदारियों को सुप्रीम कोर्ट और संविधान द्वारा अच्छी तरह से परिभाषित किया गया है। अध्यक्ष के रूप में मुझे एक आवेदन मिला और इस पर जानकारी प्राप्त करने के लिए मैंने कारण बताओ नोटिस जारी किया। यदि कारण बताओ नोटिस प्रशासन द्वारा जारी नहीं किया जाएगा, तो प्रशासन का काम क्या है।
मैं आशा करता हूं कि कोरोना वायरस संक्रमण के बाजवूद इस संवैधानिक संकट को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका का संज्ञान लेगा, ताकि यह सुनिश्चित हो कि एक अथॉरिटी अपनी भूमिकाओं का निर्वहन संवैधानिक व्यवस्था के तहत कर सके।
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी
राजस्थान हाईकोर्ट ने 24 तक पायलट खेमे को दी राहत :
बता दें कि, राजस्थान हाईकोर्ट अध्यक्ष द्वारा भेजे गए दलबदल नोटिस के खिलाफ 19 कांग्रेस विधायकों की संयुक्त याचिका पर सुनवाई कर रहा है। मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ मामले पर आवश्यक आदेश 24 जुलाई को पारित करेगा। राजस्थान हाईकोर्ट से सचिन पायलट के खेमें को 24 जुलाई तक की राहत मिल गई है। वहीं सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पीकर सीपी जोशी को 24 जुलाई तक इन विधायकों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेने का निर्देश दिया है, इसी दिन कोर्ट का फैसला आएगा।
राजस्थान सरकार में बड़ा संकट :
जानकारी के लिए ये भी बताते चले कि, राजस्थान में सचिन पायलट के बगावती सुर के बाद से सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस में गहलोत सरकार एक बड़े संकट का सामना कर रही है। पायलट ने घोषणा की थी कि, गहलोत सरकार अल्पमत में है, क्योंकि उनके पास 30 विधायकों का समर्थन है, उसके बाद से ही गहलोत खेमे के विधायक एक पांच सितारा होटल में डेरा जमाए हुए हैं, जबकि पायलट खेमे के विधायक मानेसर के एक होटल से निकलने के बाद कथित तौर पर दिल्ली में अलग-अलग होटलों में ठहरे हुए हैं।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।