देश के आर्थिक हालात व राहत पैकेज पर राहुल ने मोदी से की ये अपील
राज एक्सप्रेस। कोरोना की आपदा दिन-प्रतिदिन विकराल रूप लेती जा रही है, जिससे निपटने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं, इसी बीच आज (16 मई) शनिवार को कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने क्षेत्रीय इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के संवाददाताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की।
इन मुद्दों को लेकर साझा किए अपने विचार :
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्र की मोदी सरकार के 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज, मजदूरों की समस्या और देश के आर्थिक हालातों व लॉकडाउन को लेकर अपने विचार साझा किए हैं। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 'न्याय (NYAY) योजना'को लागू करने की मांग भी की है।
देश में आर्थिक तूफान अभी आया नहीं :
क्षेत्रीय मीडिया के पत्रकारों से चर्चा में राहुल गांधी ने ये बात भी कहीं कि, वह समाज के गरीब और कमजोर वर्गों के खातों में पैसा डालकर मांग पैदा करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं, अगर मांग उत्पन्न नहीं हुई तो देश को आर्थिक रूप से कोरोना वायरस से बड़ा नुकसान होगा। देश में आर्थिक तूफान अभी आया नहीं है, आने वाला है। बहुत जबर्दस्त नुकसान होने वाला है। हम चाहते हैं कि, सरकार हमारी सुने, हम यानी विपक्ष थोड़ा दबाव डाले और अच्छी तरह से समझाए तो सरकार सुन भी लेगी।
राहत पैकेज पर पुनर्विचार करें सरकार :
मोदी सरकार के 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज पर कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का कहना है कि, ''आज हमारे गरीब लोगों को पैसे की जरूरत है, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध करता हूं कि वह इस पैकेज पर पुनर्विचार करें। वो मजदूरों के खाते में सीधे पैसा ट्रांसफर करने पर विचार करें, क्योंकि ये लोग हमारा भविष्य हैं। सरकार प्रवासी मजदूरों को जल्द से जल्द अपने घरों तक पहुंचाए।''
लॉकडाउन पर राहुल गांधी ने कहीं ये बात :
इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लॉकडाउन को लेकर ये बात भी कहीं कि, लॉकडाउन पर केंद्र सरकार को समझदारी से कदम उठाना चाहिए। अभी लॉकडाउन खोलने की बात हो रही है, बिना सोचे-समझे ऐसा किया तो नुकसान होगा। खोलना है तो लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए फैसला करना चाहिए।
राहुल गांधी ने कहा कि, ''मनरेगा के तहत 200 दिन का रोजगार दिया जाए। किसानों को पैसा सीधे ट्रांसफर किया जाए। हमने सुना है कि, रेटिंग्स की वजह से सरकार पैसा नहीं दे रही। कहा जा रहा है कि, अगर वित्तीय घाटा बढ़ता है तो विदेशी एजेंसियां भारत की रेटिंग्स कम कर देंगी।''
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो अपने ट्वीटर अकाउंट से साझा भी किया है, जो आप यहां देख व सुन सकते हैं।
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